Citizenship Certificate for Hindu of Pakistan : बुधवार यानी 15 मई को सीएए के तहत 14 लोगों को नागरिकता मिली। सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी होने के बाद इन्हे सिटीजनशिप सर्टिफिकेट दिए गए हैं। लिहाजा अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने एक पोर्टल के माध्यम से उनके आवेदन ऑनलाइन संसाधित होने के बाद 14 लोगों को प्रमाण पत्र सौंपे। साथ ही आवेदकों को नागरिकता संशोधन अधिनियम की महत्वपूर्ण बातें भी बताईं। इस मौके पर सचिव, डाक, निदेशक और और भारत के रजिस्ट्रार जनरल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। नागरिकता का प्रमाणपत्र पानेवाले शरणार्थियों का चेहरा खुसी से खिल उठा। भारत की नागरिकता को वे एक 'नया जन्म' मान रहे हैं और भारत सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं।
इस बीच बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने CAA के तहत हिंदू रिफ्यूजी परिवारों को नागरिकता मिलने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, "यह भारत के लिए एक नए युग का क्षण है, जब नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के तहत 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किए गए. प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पूरी की है। "
दरअसल, उत्तरी दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में स्थित एक पुनर्वास कॉलोनी में कई हिंदू परिवार रहते हैं, यहां रहने वाले ज्यादातर शरणार्थी है. जो पाकिस्तान से भारत आए थे। इनमें एक परिवार पाकिस्तान के सिंध से आया था। साल 2019 में लोकसभा में जब CAA पास हुआ तो उसके बाद परिवार ने बच्ची को नागरिकता नाम दिया। दिसंबर 2019 में पीएम मोदी ने रामलीला मैदान में आयोजित एक रैली में बच्ची नागरिकता का भी जिक्र किया था।
पहली बार 14 लोगों को सिटीजनशिप सर्टिफिकेट सौंपे जाने पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'आज गृह मंत्रालय ने शुरुआती 14 लोगों को सर्टिफिकेट दिया है। मैं 14 के 14 शरणार्थियों को अभिनंदन देना चाहता हूं। सीएए मोदी जी का वादा है। इस देश में जो भी शरणार्थी जहां पर भी होंगे सबको हम नागरिकता देंगे। '
बता दें कि भारत सरकार ने 11 मार्च 2024 को नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया था। इसमें आवेदन करने के तरीके, जिलास्तरीय समिति (DLC) द्वारा द्वारा आवेदन को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया और राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (EC) द्वारा आवेदनों की जांच और नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। नागरिकता संशोधन कानून के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगा। कानून के मुताबिक, जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले आकर भारत में बस गए थे, उन्हें ही नागरिकता दी जाएगी।