बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में कक्षाओं के प्रबंधन के तरीके में समस्या है। वह चाहते हैं कि सीबीआई, की एक विशेष टीम इस मुद्दे को देखे। उनका मानना है कि इस समस्या के पीछे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। मनोज तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर दिल्ली में क्लासरुम घोटाला होने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच करवाने की मांग की है। मनोज तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विजिलेंस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट को देखते हुए दिल्ली में हुए क्लासरुम घोटाले केस में जो नया मोड़ आया है, उससे दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है।
किसी भी प्रकार की कोई कटौती नहीं की गई
उन्होंने कहा कि विजिलेंस डिपार्टमेंट द्वारा लोकायुक्त को सौंपी गई रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर 7180 क्लासरूम को 4126 कर दिया गया लेकिन पैसों में किसी भी प्रकार की कोई कटौती नहीं की गई। इतना ही नहीं 100 करोड़ के ऊपर के प्रोजेक्ट को कैबिनेट में लाया जाता है फिर वह उपराज्यपाल के पास भी भेजा जाता है। लेकिन, केजरीवाल के कहने पर पूरे प्रोजेक्ट को 16 छोटे-छोटे भागों में बांट दिया गया और यह पूरा प्रोजेक्ट 19 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन द्वारा ही अप्रूव कर दिया गया।
स्कूलों के कमरे बनवाने में भी घोटाला कर दिया गया
भाजपा सांसद ने इस पूरे मामले की सीबीआई द्वारा जांच कराए जाने की मांग करते हुए आगे कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक ऐसी सरकार चला रही है, जिसे चोरों की बारात कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी और उनके मुखिया मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पेनिक बटन, डीटीसी बस, शीशमहल, शराब, जलबोर्ड जैसे घोटाले करने के बाद शिक्षा के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले अरविंद केजरीवाल की शह पर स्कूलों के कमरे बनवाने में भी घोटाला कर दिया गया।