दिल्ली

गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली सीएम केजरीवाल की याचिका पर आज होगी सुनवाई, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा था 6 सवाल

Desk News

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होनी है। इससे पहले हुई सुनवाई में एक तरफ SC ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग समेत कुछ सवालों पर ईडी से जवाब मांगा था तो दूसरी तरफ अभिषेक सिंघवी से कुछ सवाल भी पूछे थे।

दरसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज सुनवाई होगी। जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेंगे। इससे पहले अदालत में अरविंद केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की शुरुआत की थी। SC ने सिंघवी से पूछा कि क्या कोई दस्तावेज है जिससे यह साफ हो सके कि किस पर भरोसा किया जाय और, किस पर नहीं. सिंघवी ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने अभिषेक सिंघवी से कुछ सवाल भी पूछे जैसे कि गोवा चुना की तारीख क्या है? शराब नीति कब तैयार हुई और कब लागू हुई?

सुप्रीम कोर्ट में हियरिंग के दौरान जस्टिस खन्ना ने कहा कि स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते। फिर अंत में जस्टिस खन्ना ने ईडी से गिरफ्तारी की टाइमिंग, समेत 6 सवाल पूछे। इन सवालों पर अगली सुनवाई 3 मई यानी आज होनी है।

ये सवाल हैं –

. आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी क्यों?

. क्या न्यायिक कार्यवाही के बिना यहां जो कुछ हुआ है उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं?

. इस मामले में अब तक कुर्की की कोई कार्यवाह नहीं हुई है , यदि हुई है तो दिखाएं कि मामले में केजरीवाल कैसे शामिल हैं?

. जहां तक मनीष सिसोदिया मामले की बात है तो इसमें पक्ष और विपक्ष में निष्कर्ष हैं। हमें बताएं कि केजरीवाल मामला कहां है?

. अब ईडी बताए कि हम इसकी व्याख्या कैसे करें? क्या हम सीमा को बहुत ऊंचा बनाएं और यह सुनिश्चित करें कि जो व्यक्ति दोषी है उसका पता लगाने के लिए मानक समान हों.

. कार्यवाही शुरू होने और फिर गिरफ्तारी आदि की कार्रवाई के बीच का इतने समय का अंतराल क्यों?

गौरतलब है कि दिल्ली की पुरानी शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी गिरफ्तार किया था। वह 1 अप्रैल से तिहाड़ जेल में बंद हैं और 7 मई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। इसी मामले में 9 अप्रैल को, दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि उसे मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बारे में कुछ भी अवैध नहीं मिला था।