दिल्ली

सीएम एक बार मोहल्ला क्लीनिक में इलाज तो कराएं : शाह

अमित शाह ने केजरीवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट मोहल्ला क्लीनिक की बखिया उधेड़ते हुए कहा कि केजरीवाल एक बार खुद वहां इलाज तो कराएं।

Desk Team

नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश भाजपा को शुक्रवार को अपना पहला जिला कार्यालय मिल गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नारायणा के रिंग रोड पर स्थित करोलबाग जिले के कार्यालय का उद्घाटन कर कार्यकर्ताओं को समर्पित किया। इस अवसर पर अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने केजरीवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट मोहल्ला क्लीनिक की बखिया उधेड़ते हुए कहा कि केजरीवाल एक बार खुद वहां इलाज तो कराएं।

दिल्ली को आयुष्मान का लाभ क्यों नहीं
अमित शाह ने दिल्ली में आयुष्मान भारत लागू नहीं करने को लेकर भी दिल्ली सरकार को जमकर लताड़ा। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान लागू करने के लिए दिल्ली सरकार को बार-बार रिमाइंडर भेजे, लेकिन लोकप्रियता खोने के डर से केजरीवाल ने दिल्लीवालों से यह सुविधा छीन ली। इस पर उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से दिल्ली में आयुष्मान लागू नहीं होने तक जन संपर्क कर केजरीवाल के झूठ की पोल खोलने का आह्वान किया।

उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या वहां हार्ट ट्रांस्प्लांट, स्टेंट लगाने, घुटना इंप्लांट, ब्रेन स्ट्रोक और कैंसर का इलाज होता है? उनका कहना है कि केजरीवाल गांधी जी से प्रेरणा लेकर केंद्र के प्रति असहयोग आंदोलन चला रहे हैं, लेकिन भूल गए हैं कि अब देश में अंग्रेजों की नहीं बल्कि सबसे बड़़े देशभक्त मोदी की सरकार है।

अपने नेताओं को बाहर करने के अलावा क्या किया
अमित शाह ने केजरीवाल पर दिल्ली के विकास में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार जानबूझकर केंद्र की योजनाओं को दिल्ली में रोक रही है। उन्होंने केजरीवाल को ललकारते हुए कहा कि अगर राजनीति करनी है तो चुनाव मैदान में आकर दो-दो हाथ कर लें, लेकिन दिल्ली का विकास न रोकें। दिल्ली सरकार के विकास के दावे पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा ही दावा केजरीवाल ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और नगर निगम चुनावों के समय किया था, लेकिन हर जगह हार ही मिली।

उनका कहना है कि अगर केंद्र की योजनाओं को लागू नहीं किया तो आगामी चुनाव में जनता फिर उन्हें हार का मुंह दिखाएगी और एक बार फिर वह ईवीएम का रोना रोएंगे। उन्होंने केजरीवाल को चुनौती दी कि वह अपने कार्यों का हिसाब दें कि अपने नेताओं को ही पार्टी से बाहर कर पार्टी हथियाने के अलावा उन्होंने क्या किया।