राजधानी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में देश विरोधी नारों और पोस्टर का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। बता दें जेएनयू प्रशासन के एक अधिकारी ने 'देश-विरोधी' नारों की घटनाओं की जांच के लिए जल्द ही एक समिति गठित करने के संकेत दिए हैं।'स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज' की इमारत की दीवार पर लिखे 'भारत के कब्जे वाला कश्मीर', 'फ्री कश्मीर' और 'भगवा जलेगा' जैसे नारों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के एक दिन बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।
पोस्टर को प्रशासन के आदेश पर रंग-रोगन करा दिया
फिलहाल, जेएनयू के दीवारों पर देश विरोधी नारों वाले पोस्टर को प्रशासन के आदेश पर रंग-रोगन करा दिया गया है।जेएनयू के रेक्टर सतीश चंद्र गारकोटी ने बताया, 'हम अपने मुख्य सुरक्षा अधिकारी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और सुझावों के आधार पर इस मुद्दे से निपटने के लिए कदम उठाए जाएंगे.'सतीश चंद्र गरकोटी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने परिसर में बार-बार होने वाले 'राष्ट्र-विरोधी' नारों की घटनाओं की जांच करने के लिए एक समिति गठित करने की योजना बनाई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर ऐसी घटनाओं पर चिंता
दरअसल, इससे पहले नवंबर 2019 में जेएनयू परिसर में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा को विरूपित कर दिया गया था। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारी छात्रों ने फीस वृद्धि को लेकर कुलपति कार्यालय की दीवारों को रंग दिया था और परिसर के अंदर 'भारत विरोधी' नारे लगाए गए जिससे विवाद पैदा हो गया था। देश विरोध पोस्टर को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्थित छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने हाल ही में विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर ऐसी घटनाओं पर चिंता जाहिर की है।