दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़ी खबरें प्रकाशित या प्रसारित करने को लेकर मीडिया पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में पहले से विचाराधीन है और किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ लगे आरोप सीधे भारतीय न्यायिक प्रणाली पर प्रहार हैं। याचिका में तीन न्यायाधीशों वाली समिति की जांच का कोई निष्कर्ष निकलने तक इन आरोपों के प्रसारण या प्रकाशन से मीडिया को तत्काल रोकने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी की ओर से लगाए गए इन आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों वाली समिति कर रही है जिसने पिछले शुक्रवार को मामले में पहली सुनवाई की थी।