दिल्ली हाई कोर्ट पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमाणी के खिलाफ दाखिल मानहानि के मामले में दायर याचिका पर निचली अदालत से रिकॉर्ड तलब करेगा। बता दें कि रमाणी ने 'मी टू अभियान' के तहत अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
निचली अदालत ने अकबर द्वारा दायर मानहानि के मामले में रमाणी को बरी कर दिया था। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वह निचली अदालत से रिकॉर्ड मंगाएंगी और इसके साथ ही रमाणी को आरोप मुक्त करने के खिलाफ अकबर की याचिका पर सुनवाई 11 अगस्त को सूचीबद्ध कर दी।
अकबर के वकील ने मामले की हुई संक्षिप्त सुनवाई के दौरान कहा कि निचली अदालत का फैसला ''त्रृटिपूर्ण'' था। अकबर ने निचली अदालत के 17 फरवरी के फैसले को चुनौती दी है जिसमें रमाणी को आरोप मुक्त करते हुए कहा गया कि महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत किसी भी मंच पर उठाने का अधिकार है।
उल्लेखनीय है कि रमाणी ने 2018 में चले मी टू अभियान के तहत अकबर पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। इसके जवाब में 15 अक्टूबर 2018 को अकबर ने रमाणी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।