बीते गुरूवार को हादसे में जान गवाने वाली 35 वर्षीय रीना के बच्चों ने DMRC से वित्तीय मुआवजे की मांग की है। वहीं दिल्ली सरकार ने DMRC से हादसे की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। DMRC ने घोषणा की है कि मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त मामले की जांच करेंगे। बते दें कि इंद्रलोक स्टेशन पर मेट्रो ट्रेन के दरवाजे में साड़ी फंसने के कारण प्लेटफार्म पर घिसटने से एक महिला की मौत हो गई थी।
बच्चों के रिश्तेदारों ने आर्थिक तंगी के कारण बच्चों की जिम्मेदारी उठाने से मना कर दिया है। महिला की 12 वर्षीय बेटी और 10 वर्षीय बेटे ने मीडिया को बताया कि 8 साल पहले उनके पिता की मौत हो गई थी। महिला की बेटी ने कहा, 'मेरे पिता का करीब आठ साल पहले देहांत हो गया था और अब मेरी मां की भी मृत्यु हो गई है। हम पूरी तरह से असहाय हैं और फिक्स्ड डिपाडिट के रूप में सरकार से वित्तीय मदद की मांग करते हैं।'
शनिवार को महिला के रिश्तेदारों ने नांगलोई मेट्रो स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया था। बच्चों की चाची उषा देवी ने कहा, "रीना सुबह घर में सहायिका का काम करती थी, दोपहर में सब्जियां बेचती थी और रात को लिफाफे बनाया करती थी। वह नांगलोई इलाके में किराए के एक कमरे में अपने बच्चों के साथ रहती थी। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए वित्तीय मदद सुनिश्चित की जानी चाहिए।"
गौरतलब है कि केजरीवल सरकार ने DMRC से मामले की डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी है। वहीं दिल्ली के परिवाहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक पत्र में DMRC से बच्चों के पुनर्वास के लिए उचित कदम उठाने के लिए कहा है। इसके उन्होने आदेश दिया है कि मेट्रो रेलवे सेफ्टी कमिश्नर की तरफ से जांच के मद्देनजर जो भी आदेश जारी हो उसे परिवहन मंत्रालय के साथ साझा किया जाए।
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