परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस सखी डिपो का उदघाटन किया और हरी झंडी दिखा कर पहली बस को चलने के लिए रवाना किया। इस सखी डिपो में कुल 223 महिलाओ की नियुक्ति की गयी है, जो महिला सशक्तिकरण की तरफ बड़ा कदम है। ये कदम पुरुष-प्रधान परिवहन क्षेत्र में महिलाओं द्वारा सभी बाधाओं को तोड़ने का प्रमाण भी है।
दिल्ली सरकार का लक्ष्य सखी पहल के तहत दिल्ली भर में ऐसे कई डिपो स्थापित करने का है, जिससे महिलाओं को रोज़गार मिले। इस काम के लिए कुल 70 बसें तैनात की गयी है, इनमें 40 वातानुकूलित और 30 गैर वातानुकूलित बसें शामिल हैं। ये 70 बसें दिल्ली के 17 मार्गों पर यात्रियों को सेवा प्रदान करती हैं। डीटीसी के अधिकारियों ने बताया कि इससे पूर्व सरोजिनी नगर डिपो के नाम से जाना जाने वाला सखी डिपो दिल्ली का पहला बस डिपो है। दिल्ली की पहली महिला बस ड्राइवर वंकदावथ सरिता को भी इसी डिपो में पहली तैनाती मिली थी।
159 सेमी की न्यूनतम ऊंचाई की आवश्यकता के कारण कई महिलाएं ड्राइवर नहीं बन पा रही थीं। परिवहन मंत्री ने फरवरी 2022 में ऊंचाई की आवश्यकता को घटाकर 153 सेमी किया। महिला कर्मचारियों ने कहा कि इस डिपो में जिन सीएनजी संचालित बसों को लाया गया है, उनकी आयु महज दो-तीन महीने की बची है। दो से तीन माह में ये बसें सड़कों से हट जाएंगी। इसके बाद महिला कर्मचारियों को नौकरी मिलेगी या नहीं ये अभी तय नहीं है।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शनिवार को सरोजिनी नगर में सखी बस डिपो का उद्घाटन कर महिला सशक्तीकरण का उदाहरण पेश कर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास किया है, लेकिन डीटीसी की महिला कर्मियों ने विरोध कर सरकार की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि हम फरवरी 2025 में सरकार बनाएंगे और इनकी समस्या के समाधान के लिए कमेटी बनाएंगे। सेवा सुरक्षा के लिए डीटीसी में दो साल में दो हजार नई बसें लाएंगे।
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