विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रविवार को बताया कि फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह हमास के हमले के बाद इजरायल में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के प्रयास जारी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि शनिवार रात उन्हें इजरायल में भारतीयों के बारे में कई संदेश मिले. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय सीधे तौर पर स्थिति पर नजर रख रहा है।
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार इजराइल में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री और उनका कार्यालय स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वहां फंसे हमारे छात्रों को वापस लाने के लिए बड़े प्रयास चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बार-बार संकट का सामना करने के बावजूद अपने नागरिकों को विदेशों से सफलतापूर्वक निकाला है।
उन्होंने आगे बताया कि चाहे वह ऑपरेशन गंगा हो या वंदे भारत, इसने हम सभी को वापस लाया और मुझे यकीन है कि सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय उन लोगों के साथ सीधे संपर्क में हैं और काम कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
उनकी यह टिप्पणी उन मीडिया रिपोर्टों के बाद आई है जिनमें इजराइल में कई भारतीय छात्रों के हवाले से कहा गया है कि वे डरे हुए हैं।
भारतीय छात्रों और नागरिकों के अलावा मेघालय के 27 लोग, जो तीर्थयात्रा के लिए येरुशलम गए थे, बेथलहम में फंसे हुए हैं।
मेघालय सीएम कॉनराड के संगमा ने ट्विटर पर लिखकर कहा कि मेघालय के 27 नागरिक जो पवित्र तीर्थयात्रा के लिए येरुशलम गए थे, वे इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव के कारण बेथलहम में फंस गए हैं।
संगमा ने कहा कि मैं उनकी सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय के संपर्क में हूं।
आपको बता दे कि इससे पहले आज, विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने इज़राइल में फंसे भारतीयों से सुरक्षित रहने और सहायता के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क करने का आग्रह किया।
भारतीय दूतावास की वेबसाइट के मुताबिक , इज़राइल में लगभग 18 हजार भारतीय नागरिक हैं। इनमें ज्यादातर इज़राइली बुजुर्गों द्वारा नियोजित केयरटेकर हैं। इनके अलावा हीरा व्यापारी, आईटी पेशेवर और छात्र भी बड़ी संख्या में हैं।
इज़राइल में मई 2021 में केयरटेकर के रूप में कार्यरत केरल की 32 वर्षीय सौम्या संतोष की गाजा गोलाबारी में उस समय मौत हो गई, जब वह अपने पति के साथ वीडियो कॉल पर बात कर रही थी।
हमास ने शनिवार को इजराइल के खिलाफ एक नए सैन्य अभियान की घोषणा की और एक 'आश्चर्यजनक हमले' में पिछले साल मई के बाद पहली बार गाजा पट्टी से यहूदी राज्य की ओर मिसाइलों की बौछार की।
हमले में करीब 300 इजरायली नागरिकों की जान चली गई जबकि 1,000 से ज्यादा घायल हो गए हैं। इजरायल की ओर से जवाबी कार्रवाई में 230 फ़िलिस्तीनी मारे गए और 1,500 से अधिक घायल हो गए।
हमास ने कथित तौर पर पांच हजार से अधिक रॉकेट दागे। हमले से बौखलाये इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने समूह के गाजा ठिकानों को 'मलबे' में बदलने का संकल्प लिया।