दिल्ली

किसान आंदोलन: दिल्ली पुलिस ने ग्वालियर से मंगवाए 30,000 आंसू गैस के गोले

Desk News

किसान आंदोलन: किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली चलो आंदोलन कर रहे हैं और फिलहाल सैकड़ों किसान सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं, वहीं सुरक्षाकर्मी उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में घुसने से रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। दिल्ली पुलिस ने अपनी इन्हीं तैयारियों के तहत आंसू गैस के 30,000 गोले मंगवाए हैं। दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि वे प्रदर्शनकारियों के आगे बढ़ने पर उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की तैयारी चाक-चौबंद है और उसने पहले ही बड़ी संख्या में आंसू गैस के गोले जमा कर लिए हैं। साथ ही मध्य प्रदेश के ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ की 'टियर स्मोक यूनिट' से 30,000 गोलों की नयी खेप मंगाई गई है। उन्होंने बताया कि ये गोले ग्वालियर से दिल्ली लाए जा रहे हैं। आंसू गैस का गोला दंगा-रोधी सामग्री है, जिसका सुरक्षा बल भीड़ को तितर-बितर करने में उपयोग करते हैं। गैस से आंखों में जलन होती है और आंसू आते हैं।

  • किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली चलो आंदोलन कर रहे हैं
  • सुरक्षाकर्मी उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में घुसने से रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं
  • दिल्ली पुलिस ने अपनी तैयारियों के तहत आंसू गैस के 30,000 गोले मंगवाए हैं
  • किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध दिल्ली पुलिस
  • ग्वालियर के टियर स्मोक यूनिट से 30,000 गोलों की नयी खेप मंगाई गई है

आंसू गैस की नई खेप मंगाई गई

एक अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष सितंबर में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन से पहले भी आंसू गैस के गोलों की खेप मंगाई गई थी। किसानों के आंदोलन के मद्देनजर इनकी नयी खेप मंगाई गई है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आंसू गैस का गोला तीन वर्ष तक ठीक रहता है इसके बाद उसका असर धीरे-धीरे कम होने लगता है लेकिन अभ्यास उद्देश्यों के लिए बल सात वर्ष पुराने गोले तक का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली पुलिस के नियमों के अनुसार खेप मिलने के बाद गोले जिला पुलिस और बल की इकाइयों को दिए जाते हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर नयी खेप बाहरी, बाहरी-उत्तर और पूर्वी जिला पुलिस को दी जा सकती हैं।

सैकड़ों किसान शंभू सीमा पर मौजूद

दिल्ली चलो आंदोलन के तहत सैकड़ों किसान शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के वास्ते कानून बनाने और कर्ज माफी सहित अपनी मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली चलो मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। हरियाणा पुलिस ने किसानों को उनकी ट्रैक्टर-ट्रॉली में दिल्ली जाने से रोकने के लिए अवरोधक लगाकर सीमा सील कर दी है।

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