वोटिंग लिस्ट से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में भी अब ट्रांसजेंडर की भूमिका काफी नज़र आ रही है। पहले ट्रांसजेंडरों के प्रति सबका नजरिया काफी अलग था। लेकिन अब उनके रहन सहन, उनकी भूमिका, उनकी सक्रियता अब हर क्षेत्र में बढ़ रही है। लेकिन एक ऐसी भी जगह थी जहाँ ट्रांसजेंडरों को कोई आरक्षण या कोई अलग स्थान नहीं मिला था और वो था अस्पताल। जहां अस्पतालों में OPD की लाइनों में लगने के लिए भी उन्हें ये देखना पड़ता था की महिला लाइन में लगे या फिर पुरुष के। लेकिन अब वो दौर ख़त्म हो चुका है जहां अब ट्रांसजेंडरों को अस्प्तालों में जाकर इलाज करवाने में कोई दिक्कत होगी। चलिए जानते हैं की आखिर वो है क्या ?
ट्रांसजेंडरों को मिली अलग से OPD की लाइन
जब भी आप किसी सरकारी अस्पताल में एंट्री करते होंगे तो आपको OPD के तीन लाइन ही नज़र आते होंगे। पुरुष, वरिष्ठ नागरिक \ विकलांग और महिला इत्यादि। लेकिन आपको कभी भी ट्रांसजेंडर करके कोई भी OPD की लाइन नहीं दिखती होगी। ये काफी हैरान कर देने वाली बात थी क्योंकि अब हर क्षेत्र में ट्रांसजेंडर काफी तरक्की कर रहे हैं। लेकिन अस्पतालों में ही उनकी कोई रिज़र्व लाइन नहीं थी। लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है क्योंकि दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल राम मनोहर लोहिया में ट्रांसजेंडरों के लिए एक अलग से OPD लाइन का उद्घाटन हुआ है।आपने बिलकुल सही सुना दिल्ली के अस्पताल RML में अब सभी OPD लाइनों के साथ ट्रांसजेंडरों का भी लाइन होगा। जिसमें वे सभी भी डॉक्टरों की पर्ची बनवा सकेंगें।
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