दिल्ली

सामाजिक कार्यकर्ता Medha Patkar मानहानि केस में दोषी करार, LG वीके सक्सेना से जुड़ा है मामला

Pannelal Gupta

Medha Patkar Latest Update : दिल्ली की साकेत अदालत ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में शुक्रवार को दोषी ठहराया।

Highlights: 

  • दिल्ली की अदालत ने मेधा पाटकर को मानहानि मामले में ठहराया दोषी
  • उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा उनके खिलाफ दायर किया गया था मानहानि का केस
  • वर्ष 200 से ही चल रही कानूनी लड़ाई

Medha Patkar को हो सकती है दो साल की सजा

शुक्रवार को दिल्ली की साकेत अदालत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने मेधा पाटकर को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया है। अदालत ने कहा कि, मेधा पाटकर ने आईपीसी की धारा 500 के तहत दंडनीय अपराध किया है। इस मामले से संबंधित कानून के तहत, मेधा पाटकर को दो साल जेल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकती हैं। कोर्ट का कहना है कि सक्सेना के खिलाफ पाटकर के बयान न केवल मानहानिकारक थे, बल्कि नकारात्मक धारणाओं को भड़काने के लिए भी तैयार किए गए थे।

वी के सक्सेना ने Medha Patkar के खिलाफ दायर किए थे दो मामले

मेधा पाटकर और वी के सक्सेना के बीच तब से ये लड़ाई जारी है, जब पाटकर ने उनके और नर्मदा बचाओ आंदोलन के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए सक्सेना के खिलाफ एक वाद दायर किया था। वर्ष 2000 से ही इनके बीच कानूनी लड़ाई चली रही। सक्सेना उस समय अहमदाबाद स्थित गैर सरकारी संगठन नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के प्रमुख थे।

सक्सेना ने भी पाटकर खिलाफ झूठे आरोप, व्यंग्यपूर्ण अभिव्यक्ति और लांछन लगाने का आरोप में मामला दायर किया था। सक्सेना ने अपमानजनक टिप्पणी करने और प्रेस को मानहानिकारक बयान जारी करने के लिए पाटकर के खिलाफ दो मामले दायर किए थे।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।