दिल्ली

हरियाणा चुनाव में हार पर मायावती ने कहा, जातिवादी मानसिकता के कारण जाट समुदाय ने बीएसपी को वोट नहीं दिया

बीएसपी प्रमुख मायावती ने बुधवार को हरियाणा के जाट समुदाय की जातिवादी प्रवृत्तियों की आलोचना की और इसे राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन का एक प्रमुख कारण बताया।

Rahul Kumar

जाट समुदाय के अधिकांश वोट कांग्रेस पार्टी को चले गए,मायावती

राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी)-इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) गठबंधन अपनी गहरी जातिवादी मानसिकता के कारण कुछ सीटों को छोड़कर जाट समुदाय से वोट हासिल करने में विफल रहा।बसपा प्रमुख ने कहा, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के कल आए चुनाव नतीजों में हमारी पार्टी की स्थिति के बारे में मैं यही कहना चाहूंगी कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। कृषि से जुड़े लोग, खासकर जाट समुदाय, राज्य और केंद्र की किसान विरोधी नीतियों और कार्यों से खुश नहीं है। वे अभी भी खुश नहीं हैं, यही कारण है कि जाट समुदाय के अधिकांश वोट कांग्रेस पार्टी को चले गए। इसलिए, बसपा-इनेलो गठबंधन को कुछ सीटों को छोड़कर इस समुदाय के वोट नहीं मिले। लेकिन उनकी जातिवादी मानसिकता के कारण जाट समुदाय ने बसपा उम्मीदवारों को बिल्कुल भी वोट नहीं दिया।

भाजपा की जीत का श्रेय चौटाला परिवार की अंदरूनी कलह को दिया

उन्होंने भाजपा की जीत का श्रेय चौटाला परिवार की अंदरूनी कलह को दिया, जिसके कारण जाट समुदाय के वोट भाजपा को चले गए। मायावती ने कहा, "जबकि, बीएसपी का दलित वोट पूरी तरह से इनेलो उम्मीदवारों के खाते में चला गया। चौटाला परिवार में अंदरूनी कलह के कारण, उनसे जुड़े जाट समुदाय के वोटों का लाभ बीजेपी को मिला इस अंदरूनी कलह के बीच गैर-जाट समुदाय के वोट भी बीजेपी को मिले। इसलिए, बीजेपी यहां एक बार फिर सत्ता में आई।" बीएसपी प्रमुख ने इस बात पर निराशा जताई कि चुनाव जाट और गैर-जाट समुदायों के बीच बंटा रहा, जिससे उनकी पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा। उन्होंने कहा, इसलिए, हरियाणा का यह चुनाव जाट और गैर-जाट समुदायों के बीच बंटा रहा। इससे बीएसपी को काफी नुकसान हुआ,बीएसपी के कारण उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय की जातिवादी मानसिकता काफी हद तक बदल गई है, लेकिन हरियाणा में यह नहीं बदली है - दलितों के प्रति उनकी मानसिकता पूरी तरह से नहीं बदली है। बीएसपी प्रमुख ने पार्टी संस्थापक कांशीराम को भी याद किया और कहा कि युवा पीढ़ी के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के जीवन संघर्ष और उनके द्वारा किए गए कार्यों से प्रेरणा ली। उन्होंने कहा, आज बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर पार्टी के सदस्य देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं युवा पीढ़ी के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के जीवन संघर्ष और उनके द्वारा किए गए कार्यों से प्रेरणा ली और उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस 37 सीटें जीतने में सफल रही

मंगलवार को जारी चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में कांग्रेस भाजपा सरकार के 10 साल के सत्ता विरोधी रुझान का फायदा नहीं उठा सकी। हरियाणा विधानसभा में भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस 37 सीटें जीतने में सफल रही। निर्दलीय उम्मीदवारों ने 3 सीटें जीतीं और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) ने 2 सीटें हासिल कीं।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं