आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने अपना बंगला बचाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है। बता दें हाल ही में पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें टाइप 7 बंगला खाली करने का आदेश दिया था। अब राज्यसभा सांसद पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए हैं।
राघव चड्ढा के वकील ने कहा…..
आपको बता दें याचिका को चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की पीठ के सामने सूचीबद्ध किया गया है। चड्ढा के वकील ने कहा, 'सांसद को घर खाली करने का आदेश दिया गया है। हमें आशंका है कि कार्यवाही शुरू हो सकती है। हमारे पास ट्रायल कोर्ट में स्टे था।'
कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में बदलाव करते हुए कहा……
इसके साथ ही दिल्ली की पटियाला हाऊस अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में बदलाव करते हुए कहा था कि राघव चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि आवंटन रद्द होने के बाद भी उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में सरकारी बंगले पर कब्जा कायम रखने का पूर्ण अधिकार है। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुधांशु कौशिक ने 18 अप्रैल को पारित उस आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा को सरकारी बंगले से बेदखल नहीं करने का निर्देश दिया गया था।
सरकारी आवास का आवंटन सांसद को दिया
दरअसल, 5 अक्टूबर को आए आदेश में जज ने कहा कि यह तर्क कि एक बार संसद सदस्य को दिया गया आवास सदस्य के पूरे कार्यकाल के दौरान किसी भी परिस्थिति में रद्द नहीं किया जा सकता है, खारिज करने योग्य है। कोर्ट ने कहा कि सरकारी आवास का आवंटन सांसद को दिया गया विशेषाधिकार है और आवंटन रद्द होने के बाद भी कब्जा जारी रखने का उन्हें अधिकार नहीं है। सांसद को गलती से टाइप-7 बंगला आवंटित कर दिया गया था। पहली बार के सांसद की वजह से उन्हें इस श्रेणी की बंगला नहीं मिल सकता है।