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दिल्ली के जंतर-मंतर पर देहात के ग्रामीणों ने की महापंचायत, केजरीवाल सरकार को दी चेतावनी, जानिए क्या कहा?

Desk Team

राजधानी दिल्ली देहात के गांवों में केजरीवाल सरकार द्वारा गांवों के अधिकारों, हाउस टैक्स, भवन उपनियम, विभिन्न टैक्स और नियम-कानून थोपे जाने के विरोध में पालम 360 खाप ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर आज एक महापंचायत की। जिसका नेतृत्व पालम 360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने किया। इसमें पुरुषों के साथ काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई थी।
पालम 360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा……
आपको बता दें इस दौरान महापंचायत को संबोधित करते हुए पालम 360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि केंद्र सरकार से जुड़ी उनकी मांगों को लेकर उपराज्यपाल से उनकी बात चल रही है और उन्होंने उन बिंदुओं को लेकर उन्हें आश्वासन भी दिया है, जबकि दिल्ली सरकार और एमसीडी ने अब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है। उनका कहना है कि उन्हें राजनीति से कोई सरोकार नहीं है, लेकिन अगर दिल्ली सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो उन्हें सबक सिखाने का काम करेंगे। जब उनके वोटों से सरकार बन सकती है तो वे उन्हें सत्ता से बेदखल भी कर सकते हैं।
जंतर-मंतर से आंदोलन कर केजरीवाल सत्ता पर काबिज
सोलंकी ने कहा कि इसी जंतर-मंतर से आंदोलन कर केजरीवाल सत्ता पर काबिज हुए हैं और अगर उनकी मांगों को न माना गया तो वे भी आंदोलन का रुख अख्तियार करेंगे और अगली महापंचायत सीएम के घर मे करेंगे। उन्होंने चेतावनी के लहजे में कहा कि सीएम तैयार रहें, ग्रामीण कभी भी उनके घर पर दस्तक दे सकते हैं। वहीं महापंचायत में आप के विधायकों के आवासों और उनके कार्यालयों के घेराव पर सभी ने एकजुट हो कर सहमति दी, जिससे कि केजरीवाल सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
गांव वालों को पुश्तैनी संपत्ति का मालिकाना हक दिया जाए
दरअसल, महापंचायत के माध्यम से सरकार के सामने अपनी मांगों को रखते हुए उन्होंने कहा कि गांवों से हाउस टैक्स नहीं लिया जाए, संशोधित एवं किसान हितैषी लैंड पूलिंग पॉलिसी, डीडीए पॉलिसी, लैंड म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) शुरू किया जाए। धारा 81 एवं 33 समाप्त किया जाए और धारा 81 के तहत पुराने मुकदमे वापस लिए जाए। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार ग्राम सभा की जमीन को डीडीए को देना बंद करें, धारा 74/4 और 20 सूत्री के तहत गरीबों को आवंटित भूमि एवं प्लॉटों को मालिकाना हक दिया जाए। लाल डोरे का विस्तार किया जाए, ग्रामीणों को भूमि अधिग्रहण करने के मामले में अल्टरनेटिव प्लॉट जल्द से जल्द दिए जाए और गांव वालों को पुश्तैनी संपत्ति का मालिकाना हक दिया जाए।