Swati Maliwal Assault Case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोपी और अरविंद केजरीवाल के करीबी विभव कुमार की जमानत पर तीस हजारी कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी की तीस हजारी कोर्ट ने स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) केस में आरोपी विभव कुमार को मंगलवार यानी 28 मई को 3 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया था और उनकी न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही है। दरसल, कोर्ट ने 24 मई को भी बिभव कुमार को चार दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था, जिसके बाद 28 मई को तीन दिन की हिरासत और बढ़ा दी गई थी। अब उन्हें 31 मई को पेश किया जाएगा। बता दें कि बिभव कुमार पर AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट का आरोप है।
इससे पहले तीस हजारी कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर इस केस में उन्हें झटका दे चुकी है और अब सबकी निगाहें इस बात पर है कि आज उनकी हिरासत को कितने दिन के लिए बढ़ाती है। बता दें कि आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की लिखित शिकायत के बाद कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।
अदालत में जांच कर रही दिल्ली पुलिस की टीम लगातार बिभव कुमार पर आरोप लगाती रही है कि वो पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं और सवालों के गोलमोल जवाब दे रहे हैं। यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने जानबूझकर अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड नहीं बताया, जो सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच में एक महत्वपूर्ण जानकारी है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि विभव ने घटना का वीडियो बनाया है और उन्होंने कबूल किया है कि उसने अपना फोन फॉर्मेट किया है. पुलिस ने कहा कि हमें विभव के दूसरे फोन का पता करना है और ये भी जानना है कि क्या उसने घटना का वीडियो बनाया था या नहीं.
वहीं विभव कुमार के वकील ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि स्वाति मालीवाल ने CM के ड्राइंग रूम की जगह इसलिए चुनी क्योंकि वहां कोई सीसीटीवी नहीं है. वह जानती थीं कि वहां कोई सीसीटीवी नहीं हैं इसलिए उन्होंने ऐसी जगह चुनी जिससे बाद में आरोप आसानी से लगाए जा सकें. विभव के वकील द्वारा दी गई दलीलों के बाद स्वाति मालीवाल अदालत में रो पड़ीं.
बिभव कुमार के वकील ने किया विरोध
बिभव कुमार के वकील ने हिरासत में लेकर उनके मुवक्किल से पूछताछ करने की दिल्ली पुलिस की याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि उसके पास कोई सबूत नहीं है। सोमवार को, कुमार की जमानत याचिका एक सत्र अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि प्रतीत होता है कि प्राथमिकी दर्ज कराने का मालीवाल का कोई "पूर्व-नियोजित" इरादा नहीं था और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों को 'खारिज' नहीं किया जा सकता। कुमार के खिलाफ 16 मई को आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
आपको ब ता दें कि राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने एक साक्षात्कार में अपने साथ हुई 13 मई की घटना के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि घटना के दिन अरविंद केजरीवाल दूसरे कमरे में थे। मेरी पिटाई हुई मैं चीखती रही लेकिन वह बाहर नहीं आए। यही नहीं आज तक अरविंद केजरीवाल ने मुझे एक फोन भी नहीं किया।