दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शनिवार को बिभव कुमार की उस पुनरीक्षण याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ दायर आरोपपत्र के संज्ञान को चुनौती दी गई है। उनका मामला कोर्ट में लंबित है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अभिषेक गोयल ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई अगले महीने होगी। बिभव कुमार की ओर से अधिवक्ता मनीष बैदवान और रजत भारद्वाज तथा करण शर्मा पेश हुए। अधिवक्ता मनीष बैदवान ने संज्ञान को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका दायर की है।
यह प्रस्तुत किया गया है कि ट्रायल कोर्ट ने विवादित आदेश पारित करते समय अपने विवेक का प्रयोग तो किया ही नहीं और संबंधित कानून पर विचार किए बिना तथा बीएनएसएस में उल्लिखित प्रक्रिया का पालन किए बिना यांत्रिक तरीके से आदेश पारित कर दिया। याचिका में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट ने वर्तमान मामले में संज्ञान लेते समय धारा 190 (1) (बी) सीआरपीसी में उल्लिखित पुरानी सीआरपीसी के तहत प्रक्रिया का पालन करके गंभीर अवैधता की है। 1 जुलाई को, नई सीएलपी.सी. यानी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (संक्षेप में 'बीएनएसएस') लागू हुई। याचिका में कहा गया है, ट्रायल कोर्ट को वर्तमान मामले में संज्ञान लेते समय प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था जिसका उल्लेख 'बीएनएसएस की धारा 210 में किया गया है क्योंकि वर्तमान मामले में आरोप पत्र 16 जुलाई को ट्रायल कोर्ट में दायर किया गया है।" यह भी कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट, संज्ञान लेने के बाद भी पुरानी सीआरपीसी के तहत प्रक्रिया का पालन कर रहा है जो इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि आरोप पत्र और अन्य दस्तावेजों की प्रतियां आरोपियों को धारा 207 सीआरपीसी के तहत दी जा रही हैं। जैसा कि 7 और 15 अक्टूबर के आदेश में दर्शाया गया है।
इस प्रकार, 30 जुलाई को एलडी ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित संज्ञान का आदेश और आगे की कार्यवाही के दौरान पारित किए गए आदेश भी कानून की दृष्टि से गलत हैं," याचिका में कहा गया है। 30 जुलाई को तीस हजारी कोर्ट ने बिभव कुमार के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। 16 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में स्वाति मालीवाल हमले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। बिभव कुमार इस मामले में जमानत पर हैं। उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गौरव गोयल ने आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था।दिल्ली पुलिस ने धारा 308, 354, 354 बी, 506, 509, 341, आईपीसी लगाई है और आरोपपत्र में आईपीसी की धारा 201 जोड़ी गई है। सबूत के तौर पर पुलिस ने बिभव कुमार का मोबाइल फोन, सिम कार्ड और सीएम आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर/एनवीआर जब्त किया है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट 500 पन्नों की है। दिल्ली पुलिस ने 100 लोगों से पूछताछ की और 50 को गवाह बनाया। कथित घटना 13 मई की सुबह सीएम आवास पर हुई थी।
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