दिल्ली

क्या था निठारी कांड? जिसमें एक लड़की कोठी गई फिर वापस कभी नहीं लौटी

Desk Team

नोएडा का निठारी कांड तो आपने सुना होगा जिसको लेकर आज भी चर्चा होती है ये कोई छोटा मोटा केस नहीं था निठारी केस हैरान कर देने वाला केस था जिसना सबका दिल दहला दिया था। आज इस केस को 18 साल हो चुके है लेकिन फिर भी इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है इस बात से ही आप अंदाजा लगा सकते है कि ये केस कितना बड़ा केस था।
क्या था निठारी कांड
इस मामले के बारे में बात करें तो नोएडा के निठारी गांव का ये मामला है जिसके बाद से ही इस गांव का नाम दुनियाभर में जाना जाता है । नोएडा के निठारी गांव में हआ ये हादसा साल 2006 में हुआ था। 18 साल पहले मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली ने एक एसी वारदात को अजाम दिया जिसकी वजह से निठारी गांव का नाम सुर्खियों में आया था। दरअसल मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर कोली पर आरोप था कि इन्होंने कई बच्चों की हत्या की है इतना ही नहीं इन पर आरोप था कि इन्होंने बच्ची को कोठी में बुलाकर उसके साथ रेप किया और मानव मांस खाने का भी इनपर आरोप था। का जाता है कि दोनों ने बच्ची को कोठी पर बुलाया लेकिन फिर वो कोठी से कभी वापस नहीं लौटी ।
2006 में इस बच्ची ने किया था खुलासा
2006 में इस मामले का खुलासा पायल नाम की लड़की की हत्या की जांच से हुआ था। पहले 31 बच्चों की हत्या के आरोप पंढेर और उसके नौकर कोली पर लगे थे लेकिन जांच में 19 लोगों की हत्या यौन शोषण और सबूत मिटाने की बात सामने आई थी जिसमें 10 लड़कियां शामिल थीं। लेकिन इनमे से कुछ के डीएनए सैंपल मैच नहीं हुए और कुछ मामलों में आरोपी बरी हो गए।
पुलिस को मिले थे नाले से 19 नरकंकाल
इस मामले मे पुलिस को मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पीछे नाले से 19 नरकंकाल मिले थे। ये कंकाल बच्चों और महिलाओं के थे। इस घटना के बाद मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरिंदर कोली को गिरफ्तार कर लिया गया था। मामले में सीबीआई की एंट्री हुई तो सीबीआई को जांच के दौरान इंसानी हड्डियों के कुछ हिस्से और 40 इस तरह के पैकेट मिले थे जिनमें मानव अंगों को भरकर नाले में फेंका गया था।
कई अधिकारियों को किया था सस्पेंड
इस मामले में लापरवाही के चलते नोएडा पुलिस के 3 सीनियर अफसरों समेत कई पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया था। अब आप अंदाजा लगा सकते है कि ये मामला कितना गंभीर है।
दोनों आरोपीयों को लेकर आया कोर्ट का फैसला
हैरान करने वाली बात ये है कि इस मामलोे में इलाहाबाद कोर्ट का फैसला आया है जिसमें दोनों आरोपियों को दोष्मुक्त करार दिया है हालांकि इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी।