संपादकीय

हमारे सपनों के पंजाब का निर्माण कर रहे हैं

Shera Rajput

आज भारत 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है कि इन वर्षों के दौरान हमारा देश अमन-शान्ति और तरक्की के प्रति दृढ़ वचनबद्धता के साथ विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बन कर उभरा है।
इस ऐतिहासिक मौके पर मैं देश निवासियों ख़ास कर पंजाब और देश-विदेश में रहते समूह पंजाबियों को दिल की गहराईयों से बधाई देता हूं और उनकी अच्छी सेहत और रौशन भविष्य के लिए ख़ुशहाल जीवन की कामना करता हूं। इस पवित्र मौके पर राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान बेमिसाल बलिदान करने वाले ज्ञात और अज्ञात महान नायकों को सिर झुकाव कर सम्मान भेंट करता हूं।
भारत की स्वतंत्रता का रास्ता कठिन था परन्तु इस स्वतंत्रता को कायम रखना उससे भी अधिक कठिन है क्योंकि हम सांप्रदायिकता, आतंकवाद, अनपढ़ता, गरीबी और बेरोज़गारी जैसी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। हम इन चुनौतियों से उभर रहे हैं जिसका श्रेय भारत और यहाँ के बाशिन्दों को जाता है और इसी कारण हमारा देश दुनिया भर में सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर कार्यशील है। आओ, आज के इस मौके पर देश की स्वतंत्रता के सपने को साकार करने वाले नायकों की दूरदर्शी सोच पर पहरा देने के लिए हम अपने-आप को फिर से समर्पित करें।
पंजाब के पास इस दिन को श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाने के बहुत से कारण हैं क्योंकि इस सत्य से कोई इंकार नहीं कर सकता कि महान देश के स्वतंत्रता आंदोलन में पंजाब ने बेमिसाल योगदान डाला क्योंकि स्वतंत्रता के लिये महान बलिदान देने वाले योद्धाओं में 80 प्रतिशत पंजाबी थे। इस तथ्य के बावजूद कि पंजाबियों की आबादी देश की कुल जनसंख्या की केवल ढाई प्रतिशत है। यहां मैं बहुत ही फ़ख़र के साथ राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में पंजाबियों की विलक्षण और मिसाली भूमिका को याद करते हुए मातृ भूमि की ख़ातिर निःस्वार्थ बलिदान करने वाले शूरवीरों को नमन करता हूं।
वास्तव में सदियों पुराने बर्तावनी साम्राज्य की गुलामी से मुक्ति के लिए बहादुर पंजाबियों ने अलग- अलग लहरों का नेतृत्व किया। भाई महाराज सिंह पहले पंजाबी योद्धा थे जिन्होंने इस नेक कार्य के लिए अपनी जान वतन पर न्योछावर कर दी थी। पंजाब के महान नायक शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरू, शहीद सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा, दीवान सिंह कालेपानी, बाबा राम सिंह, सोहण सिंह भकना और अन्य देश भगतों ने स्वतंत्रता के लक्ष्य को हासिल करने के लिये अपने ख्ूान का कतरा-कतरा बहाया। आज के इस मौके पर कूका आंदोलन, ग़दर पार्टी, बब्बर अकाली लहर, कामागाटामारू, किसान आंदोलन, जलियांवाला बाग़ का संहार, गुरुद्वारा आज़ाद लहर और जैतो मोर्चा हमें भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में पंजाब के अहम योगदान की याद दिलाता है।
सिर्फ़ इतना ही नहीं, सरहदी राज्य होने के नाते पंजाब को देश के विभाजन का सबसे अधिक दुख भी झेलना पड़ा। जब बाकी मुल्क स्वतंत्रता के जश्नों में डूबा हुआ था तो उस समय पर पंजाब 1947 के हिंसक विभाजन की पीड़ा में से गुज़र रहा था जिसमें लाखों पंजाबी मौत की भेंट चढ़ गए, लाखों पंजाबी बेघर हो गए और बहुत से अपनी ज़मीन-जायदाद से वंचित हो गए। इस सबके बावजूद यह बड़े गौरव की बात है कि बहुत मेहनत करके हासिल की देश की प्रभुसत्ता की रक्षा करने और मुल्क के सर्वपक्षीय विकास के लिए पंजाब का शानदार योगदान है जिसकी मैं दिल से सराहना करता हूं। जब भी कभी देश पर खतरे के बादल मंडराते हैं तो इसके सम्मान की हिफ़ाज़त के लिए पंजाब के बहादुर लोग छाती तान कर अग्रणी पंक्ति में खड़े होते हैं।
आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के पहले दिन से लेकर हमारे महान स्वतंत्रा सैनानियों की ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए समर्पित भावना के साथ यत्न किये जा रहे हैं। हमारी सरकार की इन कोशिशों स्वरूप पंजाब आज मुल्क के अग्रणी राज्य के तौर पर उभरा है और राज्य में तरक्की, ख़ुशहाली और अमन-शान्ति के नये युग की शुरुआत देखी जा सकती है। लोगों को साफ़-सुथरा, जवाबदेह और पारदर्शी शासन मुहैया करवाने के उद्देश्य के साथ राज्य में नये इंकलाब का आधार बंधा है और हम पंजाब को फिर 'रंगला पंजाब' बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। लोगों को मानक सेहत सेवाएं प्रदान करने के लिए पंजाब सरकार ने राज्य भर में 840 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किये हैं जिन्होंने सेहत क्षेत्र में नयी क्रांति की नींव रखी है। अब तक 2 करोड़ से अधिक लोग इन क्लीनिकों का लाभ ले चुके हैं और इन क्लीनिकों में आकर हर रोज़ 95 प्रतिशत मरीज़ अपनी बीमारियों से छुटकारा पा चुके हैं।
राज्य का हर तीसरा व्यक्ति इन क्लीनिकों का लाभ ले चुका है। राज्य सरकार सेहत क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही। हाल ही में 58 हाई-टैक एंबूलैंसें लोगों को समर्पित की गई हैं जिससे संकट की घड़ी में तत्काल मदद की जा सके। इन एंबुलेंसों के फ़लिट्ट के साथ कुल 325 एंबूलैंसें राज्य भर में लोगों की सेवा में जुटी हुई हैं जिससे उनके लिए समय पर सेहत सेवाएं यकीनी बनाईं जा सकें।
इन अति- आधुनिक एंबूलैंसों को शहरी क्षेत्रों में 15 मिनट और ग्रामीण क्षेत्र में 20 मिनट में पहुँचना लाज़िमी बनाया गया है। यह बहुत मान और संतोष की बात है कि अब तक सिर्फ़ इन एंबूलैंसों में 156 सुरक्षित ​िडलिवरियां हुई हैं। राज्य सरकार के यत्नों स्वरूप मोहाली में 'पंजाब इंस्टीट्यूट आफ लीवर एंड बिलियरी सायंसज़' स्थापित किया गया। यह अव्वल दर्जे की संस्था देश में दूसरी और पंजाब में पहली संस्था है जो आधुनिक मशीनों के साथ लैस और प्राइवेट अस्पतालों को भी मात देती है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा 45 जच्चा- बच्चा संभाल केंद्र भी स्थापित किये जा रहे हैं।