संपादकीय

रूफटॉप पर बनेगी बिजली

Aakash Chopra

बिजली मानव जीवन का आधार बन चुकी है। वर्तमान में तापीय और जलीय स्रोतों से प्राप्त होने वाली बिजली ऊर्जा काे देशभर में पर्याप्त आपूर्ति करना सम्भव नहीं है। ऐसे में भारत सरकार ने सौलर एनर्जी पर अपना दांव लगाया है। सौर ऊर्जा आगामी दिनों में प्रमुखता से प्रयोग होने वाली ऊर्जा बनने जा रही है। इसके लिए भारत सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सोलर एनर्जी के दोहन को गेमचेंजर के रूप में देख रहे हैं। कोयले की वजह से होने वाले प्रदूषण और उसकी सीमित उपलब्धता भी सोलर एनर्जी को आगामी दिनों में प्रमुख ऊर्जा स्रोत के रूप में बढ़ावा देगी।
सौर ऊर्जा वह उर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। सौर ऊर्जा ही मौसम एवं जलवायु काे परिवर्तन करती है। वैसे तो सौर उर्जा काे विविध प्रकार से प्रयोग किया जाता है किन्तु सूर्य की उर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर उर्जा के रूप में जाना जाता है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूर्योदय योजना का ऐलान किया। इस योजना के तहत केंद्र सरकार देशभर में एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।' इस योजना के तहत सरकार आर्थिक रूप के कमजोर लोगों के घरों पर रूफटॉप सोलर इंस्टॉल करेगी। इससे उनकी खुद की बिजली की जरूरत तो पूरी होगी ही, साथ ही एक्सट्रा इलेक्ट्रिसिटी बेचकर कमाई भी कर सकेंगे। फिलहाल केंद्र सरकार सोलर एनर्जी से जुड़ी एक योजना 'नेशनल रूफटॉप स्कीम' चला रही है। इस योजना के तहत अगर आप अपनी छत पर सोलर पैनल लगाना चाहते हैं तो 3 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाने पर सरकार की ओर से 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
यदि 10 किलोवाट लगाते हैं तो सरकार आपको 20प्रतिशत सब्सिडी देगी। इसके तहत लाभार्थी को मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रीन्यूएबल एनर्जी इसका चयन पावर डिस्ट्रिब्यूटर्स की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर करता है। रूफटॉप सोलर योजना फेज-2 के तहत 30 नवंबर 2023 तक देश में रूफटॉप सोलर से 2,651 मेगावाट क्षमता को स्थापित किया जा चुका है। सेंट्रल रीन्यूवेबल एनर्जी मिनिस्टर आरके सिंह ने हाल ही में बताया था कि रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के दोनों फेज से अभी 10,407 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
सूर्य की ऊर्जा को दो प्रकार से विद्युत उर्जा में बदला जा सकता है। सूर्य एक दिव्य शक्ति स्रोतशान्त व पर्यावरण सुहृद प्रकृति के कारण नवीकरणीय सौर ऊर्जा को लोगों ने अपनी संस्कृति व जीवन यापन के तरीके के समरूप पाया है। विज्ञान व संस्कृति के एकीकरण तथा संस्कृति व प्रौद्योगिकी के उपस्करों के प्रयोग द्वारा सौर ऊर्जा भविष्य के लिए अक्षय ऊर्जा का स्रोत साबित होने वाली है। सूर्य से सीधे प्राप्त होने वाली ऊर्जा में कई खास विशेषताएं हैं। जो इस स्रोत को आकर्षक बनाती हैं। इनमें इसका अत्यधिक विस्तारित होना, अप्रदूषणकारी होना व अक्षुण होना प्रमुख है। सम्पूर्ण भारतीय भूभाग पर 5000 लाख करोड़ किलोवाट घंटा प्रति वर्ग मी. के बराबर सौर ऊर्जा आती है जो कि विश्व की संपूर्ण विद्युत खपत से कई गुना अधिक है। साफ धूप वाले (बिना धुंध व बादल के) दिनों में प्रतिदिन का औसत सौर-ऊर्जा का सम्पात 4 से 7 किलोवाट घंटा प्रति वर्ग मीटर तक होता है। देश में वर्ष में लगभग 250 से 300 दिन ऐसे होते हैं जब सूर्य की रोशनी पूरे दिनभर उपलब्ध रहती है।
सोलर पैनल सिस्टम से बड़े फायदे हैं- सोलर पैनल सिस्टम की मदद से घर में ही बिजली प्रोड्यूस की जा सकती है। पावर ग्रिड से मिलने वाली बिजली की तुलना में ये सस्ती और सुविधाजनक है। सोलर पैनल के लिए अलग से जगह की जरूरत नहीं, छत पर टांग सकते हैं। सोलर पैनल के लिए सरकार सब्सिडी देती है जिसे खरीदना आसान होता है। सोलर पैनल की लाइफ 25 साल होती है, मरम्मत या मेंटेनेंस की जरूरत नहीं पड़ती। इसे समय-समय पर साफ करना होता है ताकि सूर्य की रोशनी पैनल पर ठीक से पड़े। प्रदूषण नहीं होता, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आती है, पर्यावरण संरक्षण होता है। प्रदूषण से प्रताड़ित भारत को सोलर एनर्जी से बड़े फायदे हो सकते हैं। इससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी। देशवासियों को सोलर एनर्जी के क्षेत्र में हो रही पहल का फायदा आना चाहिए और तापीय ऊर्जा के महत्व को कम करने में योगदान देना चाहिए।