संपादकीय

जी-20 और युुवा

Desk Team
जी-20 सम्मेलन के लिए राजधानी दिल्ली पूरी तरह से तैयार है। दिल्ली दुुल्हन की तरह सज चुकी है। आजादी के अमृतकाल में यह आयोजन इतना विशाल है कि हर किसी में खासकर युवाओं में इसके प्रति बहुत जिज्ञासा है। दिल्ली के सरोजनी नगर, चांदनी चौक,  एनडीए मार्किट, खान मार्किट में दुकानदारों ने मेहमानों के स्वागत के लिए विशेष  प्रबंध किए हैं। जिनके  पिता अंग्रेजी या अन्य विदेशी भाषा नहीं जानते हैं उन युवाओं ने अपने पिता की दुकानों पर चार दिन के लिए खुद कामकाज सम्भालने की ठानी है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में काम करने वाले युवाओं की अंग्रेजी अच्छी है और जिनके परिवारों में अन्य सदस्य भी फ्रैंच और स्पेनी भाषा जानते हैं वह भी जी-20 के मेहमानों के स्वागत के लिए अपनी दुकानों पर पहुंच चुके हैं। 
जहां तक जी-20 सम्मेलन में युवाओं की भागीदारी का सवाल है, इस सम्मेलन में युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं, जहां दुनिया संघर्षों में उलझी हुई है और आम लोगों का जीवन खतरे में है। युवाओं की मदद से भारत वैश्विक विकास में नई जान डालने, ठोस जलवायु कार्रवाई और वैश्विक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा जैसी अनेक चुनौतियों के लिए रचनात्मक समाधान के प्रयासों में जुटा है। इसे खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसे बहुआयामी संकटों से त्रस्त दुनिया में परिवर्तन लाने के रूप में देखा जा रहा है। इसीलिए जी-20 सम्मेलन से पहले देशभर में यूनिवर्सिटी कनैक्ट के तहत अलग-अलग जगह कार्यक्रम किए गए हैं। जम्मू, जयपुर और कई अन्य जगह युवाओं ने वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की है। 
दरअसल वाई-20 जी-20 देशों के युवाओं का संगठन है। 2012 में इसे जी-20 में शामिल किया गया था। तब से जी-20 सदस्य देशों के युवाओं की आवाज को जी-20 के  विभिन्न मंचों पर रखने का काम करता रहा है। जी-20 देशों के साथ-साथ पूरे विश्व में युवाओं के काम करने की स्थितियों, उनकी शिक्षा और उन्हें आगे बढ़ाने के विभिन्न मुद्दों पर विचार कर यह अपने सुझाव देता रहा है। हालांकि, अभी तक इस पर एक मत नहीं बन पाया था। लेकिन इस मामले में भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है। जी-20 के सभी सदस्य देशों के युवा आज युवाओं को ज्यादा बेहतर अवसर देते हुए उन्हें विकास करने के विभिन्न मुद्दों पर एकमत हो गये हैं। अब यदि सभी देश इन मुद्दों पर एकमत होते हैं और उसके अनुसार अपनी नीतियों में कुछ बदलाव कर युवाओं को बेहतर अवसर देने की दिशा में आगे बढ़ते हैं तो इससे युवाओं को बड़ा लाभ मिलेगा। युवाओं के बेहतर संतुष्टि पर इन देशों की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा बदलाव आने की उम्मीद जताई जा रही है।
तब से अब तक वाई-20 के अंतर्गत 1497 कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें सभी सदस्य देशों के युवा प्रतिनिधियों की विभिन्न विषयों पर राय ली गई है। इसके अलावा भारत के लगभग सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के युवाओं से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत कर अलग-अलग मुद्दों पर कुछ प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। युवाओं से प्राप्त इन विचारों के आधार पर वाई-20 ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसमें दुनिया को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न उपाय सुझाए गए हैं।
अब जी-20 देशों के युवाओं के ​लिए बेहतर भविष्य का एक मॉडल पेश किया जाएगा। युवाओं के काम करने की परिस्थितियां, काम की अवधि, रोजगार दिलाने वाली शिक्षा और उद्योगों को युवाओं के लिए अनुकूल बनाने और आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस से उनकी योग्यता बढ़ाने जैसे कई बिन्दुओं पर प्रैसेंटेशन दी जाएगी। उम्मीद है कि इस पर सहमति बनेगी और युवाओं के लिए  यह एक बड़ा मंच सा​बित होगा। स्वामी विवेकानंद ने ठीक ही कहा था कि हम कुछ ऐसे युवा चाहते हैं जो सब कुछ त्याग देंगे और अपने देश के लिए अपना जीवन समर्पित कर देंगे। जी-20 देशों को भी युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए पहल करनी होगी ताकि युवा मौजूदा अवसरों का लाभ उठा सकें। भारत के युवाओं में पूरे विश्व में छा जाने की क्षमता है। जरूरत है उनके लिए परिस्थितियों में सुधार करने की।
भारत की युवा पीढ़ी में अपने कौशल से कई कार्यक्रमों तक पहुंच प्रदान करने आैर अपना उज्ज्वल भविष्य बनाने की बहुत क्षमता है। ऐसा उसने पहले भी प्रमाणित कर दिखाया है। नई पीढ़ी में उस उदय को देखने की क्षमता है, जो देश के भविष्य को नया आकार देगी।