प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का थीम 'मेक इन इंडिया पूरी दुनिया में सिर चढ़ कर बोल रहा है। पिछले दिनों रूस के राष्ट्रपति श्री पुतिन ने अपने यहां एक समारोह में रूस वालों से अपील की कि अगर तरक्की करनी है तो हमें 'मेक इन इंडिया के प्रधानमंत्री मोदी को अपनाना होगा। दरअसल वे अपने यहां ईस्टर्न इकाेनॉमिक फार्म में बोल रहे थे और उन्होंने अपने देशवासियोंं से कहा कि उन्हें रूस में बनी कारें ही इस्तेमाल करनी चाहिए। इस कड़ी में उन्होंंने कहा कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी का 'मेक इन इंडिया थीम सराहनीय है जिसके दम पर भारत के प्रोडक्ट्स दुनियाभर में छा रहे हैं। जी-20 सम्मेलन की सफलता तो भारत के लिए ऐतिहासिक है ही लेकिन इस सम्मेलन के फौरन बाद पुतिन का यह बयान बहुत अहमियत रखता है। हमारा मानना है कि मेक इन इंडिया के तहत सूई से लेकर जहाज निर्माण तक भारत सबकुछ राष्ट्रीय स्तर पर बना रहा है। यही वजह है कि हमारा आयात-निर्यात अलग ही बुलंदियों के रिकॉर्ड कायम कर रहा है।
ऑटो इंडस्ट्री, कपड़ा, टीवी, औद्योगिक ढांचा, मोबाइल कल तक हमें तकनीक तक बाहर से लेनी पड़ती थी लेकिन मोदी सरकार के चलते अब 'मेक इन इंडिया मंत्र के तहत घरेलू उत्पादन तेजी से तरक्की की राह पर है। इसके लिए हमें प्रधानमंत्री मोदी, उनकी सरकार, उनके सहयोगियों को बधाई देनी चाहिए। साथ ही यह भी स्पष्ट कर देना चाहिए कि इसे किसी राजनीति से नहीं बल्कि भारतीयता के तहत देखा जाना चाहिए अर्थात यह भारत की एक बड़ी जीत है और ऐसी उपलब्धि है जिस पर प्रत्येक नागरिक गर्व महसूस कर सकता है। यह 'मेक इन इंडिया का ही कमाल के व्हाट्सऐप का चैनल फीचर अब भारत में भी आ चुका है वरना कल तक इसकी शुरूआत अमरीका समेत दस देशों में हुई थी लेकिन दुनिया के सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सऐप ने इसमें भारत को भी शामिल कर लिया है और अब सोशल मीडिया प्रेमी किसी भी चैनल को फॉलो करने के लिए सर्च डायरेक्टरी में जाकर अपने शौक के मुताबिक स्पॉर्ट्स टीमों का अपडेट प्राप्त कर सकेंगे। जब एक देश का दुनिया में नाम गूंजता है तो उसे कोई भी नजरंदाज नहीं कर सकता।
आओ अब भारत में संपन्न हुए जी-20 समिट की सफलता की बात कर लें कि किस तरह से हमने इतिहास रचा है। दुनियाभर के अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और रूस जैसे देशों के साथ पीएम मोदी ने अफ्रीकी देशों को भी जोड़ दिया। अफ्रीकी देशों को इसका सदस्य बनाकर पीएम मोदी ने सिद्ध कर दिया कि दुनिया की सर्वशक्तिमान ताकतों में भारत की एंट्री लगभग तय है। अमरीका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस और कनाडा व आस्ट्रेलिया अब भारत के बिना नहीं चल सकते। चाहे अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन हो या फ्रांस के राष्ट्रपति मेक्रों हो या फिर यूके के प्रधानमंत्री सुनक हो या फिर कनाडा के जस्टिन टूडो हो भारत की मेजबानी में जी-20 के प्रस्तावों को हर किसी ने सराहा। संदेश यही था कि आर्थिक विकास के लिए पूरी दुनिया को एक होना होगा। पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ मूल्य नियंत्रण और आर्थिक मंदी को लेकर सभी प्रस्ताव इसमें रखे थे और पूरा समर्थन मिला। हालांकि सबसे बड़ी बात रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर थी और इस मामले में भी यह बात स्पष्ट की गई कि युद्ध किसी के लिए भी ठीक नहीं है। दुनिया के विकास का मार्ग युद्ध से होकर नहीं गुजरता बल्कि एक-दूसरे के करीब आने से एक धरती, एक विश्व, एक परिवार अर्थात वासुदेव कुटुंबकम के मंत्र पर दुनिया को चलना होगा।
भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी देशों को अपने साथ जोड़कर और विशेष रूप से साउदी अरब के प्रिंस सलमान के साथ भारत ने जो ऐतिहासिक समझौते किए वह काबिले तारीफ है। मीडिलईस्ट यूरोप इकाेनॉमिक कारिडोर को लेकर पीएम मोदी के आह्वान को ताकत मिली है और भारत से यूरोप तक जब रेल मार्ग बन जायेगा तो रास्ते में पड़ने वाले देशों को ऊर्जा और ईंधन की जरूरत भारत के इस प्रस्ताव से पूरी हो जायेगी। भारत-साऊदी अरब कर्मिशयल मार्ग के लिए साऊदी अरब के प्रिंस ने बीस अरब डॉलर की धनराशि भी पेश की है। कुल मिलाकर सभी राष्ट्र इस आयोजन के लिए भारत के पीएम को बधाई दे रहे हैं और खुद पीएम मोदी ने इस समिट की सफलता के लिए सरकार के पुलिस से लेकर गार्ड तक, संत्री से लेकर मंत्री तक हर किसी को बधाई दी है और इसी मंत्र के साथ दुनिया के नक्शे पर भारत का शांति का संदेश भी दिया है। तो इसलिए 'मेक इन इंडिया को हमारी कलम का सैल्यूट तो बनता है। जय हिंद-जय भारत।