हम छोटे होते हुए हमेशा यही सुनते आ रहे हैं कि शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मर मिटने वालों का यही निशां होगा। अब यही सब अपनी आंखों से देख रही हूं। अनुभव भी कर रही हूं। 9 सितम्बर को पंजाब केसरी के संस्थापक अमर शहीद लाला जगत नारायण जी का बलिदान दिवस था। उनकी याद में बहुत से प्रोग्राम किये गए क्योंकि लाला जी अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गये हैं। उनकी आठ बेटियों का परिवार और दो बेटों का परिवार सबने अपने ढंग से उनको याद किया।
हम पिछले 20 सालों से बुजुर्गों की सहायता के लिए प्रोग्राम करते हैं। वैसे तो हमारा हर महीने हर सप्ताह एक्टिविटीज चलती रहती हैं परन्तु यह दिन हमारे लिए बहुत भावना वाला होता है। जो हमें उनके दिखाये मार्ग पर चलने को प्रोत्साहित करता है। लाला जी का सपना था कि देश में बुजुर्गों के लिए कुछ किया जाना चाहिए। इस दिन हम बुजुर्गों के लिए हैल्थ कैंप लगाते हैं। उनकी जरूरत का सामान बांटते हैं, राशन देते हैं। लोग बढ़़-चढ़कर आगे आते हैं। कुछ लोग ऐसे हैं जो हमेशा अपनी सेवाएं देते हैं। जैसे तलवार परिवार, जिसकी तीसरी पीढ़ी हमारे साथ मिलकर सेवा दे रही हैं।
राजकुमार भाटिया अपने सब्जी मंडी के सभी व्यापारियों के साथ मिलकर फल सेवा देते हैं और बड़े दिल से सेवा भावना के साथ आगे आते हैं। ऐसे ही दर्द नाशक तेल देने वाले अनिल भाई चूड़ी वाला जिसकी बुजुर्गों को बहुत जरूरत होते ही वो भी हर बार अपनी सेवा देते हैं। तथा बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते हैं।
इस बार शशि महाजन जी ने अपने भाई के साथ आकर जूतों (Shoses) की सेवा दी और दिल से बढिय़ा अरामदायक Shoses बुजुर्गों को बांटे, बहुत आशीर्वाद लिए। अभी तो जब सर्दी में वह लोग आरामदायक शूज पहनेंगे मुख से और भी दुआएं निकलेंगी। यही नहीं प्रसिद्ध समाजसेविका रूबीना सैफी अपने बेटे हमजा सैफी के साथ आई और उन्होंने भी बुजुर्गों को राशन बांटा, यही नहीं प्रसिद्ध समाजसेविका कुसुम वैद्य जी ने बुजुर्गों की सहायता के लिए 1 लाख का चैक दिया और बड़े दिल से सेवा प्रोग्राम में तत्पर रहीं। धन्य है ऐसी महिला।
इस बार हमारे साथ लायंस क्लब के लोग भी जुड़े जिन्होंने बुजुर्गों को 1 किलो चीनी, 1 किलो चावल और मैंने उनसे वादा करवाया कि आप सभी सम्पन्न घरों से हो और मुझे पूरा विश्वास है आप समाज की भलाई का काम करना चाहते हो तो बुजुर्गों को एडाप्ट भी करो और राशन की मात्रा भी बढ़ाओ। सबने इस पवित्र काम को देखकर वादा किया, सभी अच्छे लोग थे। हमारा हमेशा प्रेग्राम होता है। इस बार बरिश की संभावना के चलते हमने इस कार्यक्रम को थोड़ा छोटा कर दिया।
पश्चिम विहार की ब्रांच हैड रमा अग्रवाल जी और उनके साथ उनके साथी सभरवाल कप्पल और विनय अग्रवाल, सुमन अग्रवाल रहे। सभरवाल अपनी उम्र को भूलकर बड़े-बड़े राशन के थैलों को उठाकर बुजुर्गों की सहायता कर रहे थे। मैंने उन्हें कहा सभरवाल साहब आप क्लब में बीस साल के युवक की तरह डांस करते हो यहां भी युवा जैसा काम कर रहे हो। कृपया अपनी उम्र को ध्यान रखें। उनकी पत्नी भी उनका हौंसला बढ़ा रही थी। और कह रही थी आप ने हम दोनों में ऐसी भावना डाल दी है कि हमें लगता ही नहीं कि हम बड़ी उम्र के हैं।
पूर्वी दिल्ली से कमल खन्ना पूर्व जज साहब एम पी गुप्ता को लेकर आए थे जो समय-समय पर बुजुर्गों को कानूनी सलाह नि:शुल्क देते हैं। उन्होंने भी अपना योगदान दिया। कुल मिलाकर सारा कार्यक्रम आशीर्वादों और दुआओं से भरा हुआ था और इससे भी अच्छी एक देशभक्त, समाजसेवी, आजादी के परवाने लाला जगत नारायण जी को सच्ची श्रद्घांजलि हो नहीं सकती। मुझे पूरी उम्मीद है वो जहां भी होंगे इस पवित्र कार्यों को देखकर खुश हो रहे होंगे। आओ सब मिलकर उनके दिखाए रास्ते पर चलें।