दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते, उभरते बाजार वाले देशों में से एक के रूप में भारत के सामने कई अनोखी चुनौतियां हैं, जिनके लिए आरबीआई से कुशल मार्गदर्शन और एक्शन की जरूरत पड़ रही है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 1949 तक एक शेयर धारक बैंक के रूप में कार्यकर्ता था। जब से इसका राष्ट्रीयकरण किया गया तब से मौद्रिक और राजकोषीय नीति के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के विकास में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती गई। आरबीआई मुद्रा को विनियमित करने, मौद्रिक स्थिरता सुनिश्चित करने, मुद्रा भंडार बनाए रखने और भारत की क्रेडिट और मुद्रा प्रणाली के देखरेख के लिए जिम्मेदार है। यह केन्द्रीय बैंक वाणिज्यिक और व्यक्तिगत वित्त के साथ-साथ बैंकिंग प्रणाली दोनों को प्रभावित करने वाली मौद्रिक नीतियों के प्रबंधन और निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब भी बैंकों में गड़बड़ियां पाई गईं या नियमों का उल्लंघन पाया गया रिजर्व बैंक ने तुरन्त एक्शन लिया। अब आरबीआई ने तत्काल प्रभाव से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दी है। साथ ही आरबीआई ने कम्पनी को यह आदेश भी दिया है कि 29 फरवरी के बाद मौजूदा ग्राहकों के भी अकाऊंट में अमाउंट एड करने पर भी रोक लगा दी जाए। केन्द्रीय बैंक ने यह कदम इसलिए उठाया कि एक सिस्टम ऑडिट और उसके बाद कम्पाइलेशन वेलिडेशन रिपोर्ट में पाया गया कि कम्पनी लगातार अनुपालन मानकों की अवहेलना कर रही है। साथ ही पेटीएम बैंक से सम्बन्धित कई और कमियां सामने आई हैं, जिसकी वजह से इनके खिलाफ और जरूरी एक्शन लिए जाएंगे। आरबीआई द्वारा डंडा चलाए जाने का असर सीधा ग्राहकों पर होगा।
हालांकि, आरबीआई ने यह भी कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के जो मौजूदा ग्राहक हैं वह अपने अभी के अमाउंट का पूरा इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहें वह पैसा सेविंग्स अकाउंट, करंट अकाउंट, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, फास्टैग, नेशनल या फि कॉमन मोबिलिटी कार्ड में हो, उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पर तारीख की कोई पाबंदी नहीं है। आपके खाते में अभी जितना पैसा है उसे आप आगे अपनी इच्छानुसार किसी भी तिथि तक इस्तेमाल कर सकते हैं। आरबीआई ने कहा है कि 29 फरवरी के बाद पेटीएम ग्राहक अकाउंट, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, वॉलेट, फास्टैग व नेशनल मोबिलिटी कार्ड्स में पैसा नहीं डाल पाएंगे। हालांकि, ब्याज, कैशबैक और रिफंड उनके अकाउंट में आ सकते हैं। आरबीआई ने कहा है कि 29 फरवरी के बाद कोई भी बैंकिंग सर्विस पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा नहीं दी जाएगी। केंद्रीय बैंक ने वन97 कम्युनिकेशन लिमिटेड और पेटीएम पेमेंट्स सर्विस लिमिटेड की नोडल सेवाएं भी जल्द से जल्द बंद करने को कहा है।
केन्द्रीय बैंक ने स्पष्ट कर दिया है कि उसके इस कदम से उपभोक्ताओं को अपना पैसा डूबने की चिंता नहीं करनी होगी। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक में अनियमितता के खिलाफ यह कदम अचानक नहीं उठाया। मार्च 2022 में ही इसे लेकर चेतावनी दे दी गई थी और साथ ही तत्काल प्रभाव से किसी भी नए उपभोक्ताओं को जोड़ना जारी रखा। अब उपभोक्ताओं के लिए पेटीएम फास्ट टैग सेवा बंद हो जाएगी। पेटीएम एप का उपयोग करके टोल प्लाजा पर भुगतान नहीं किया जा सकेगा। उपभोक्ता अब 29 फरवरी के बाद पेटीएम सेवाओं का उपयोग करके लोन नहीं ले पाएंगे। उन्हें किसी अन्य लोन प्रदाता से लोन लेना होगा। जो दुकानदार पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाऊंट में पैसा रिसीव करते हैं वे पेमेंट रिसीव नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह यह है कि उनके अकाऊंट्स में फ्रैड क्रेडिट की अनुमति नहीं है लेकिन कई कम्पनियों के पास दूसरी कम्पनियों के क्यूआर स्टीकर्स हैं, जिनके जरिये वे डिजिटल पैमेंट स्वीकार कर सकते हैं। आरबीआई ने पेटीएम को किसी भी प्रीपेड इंस्टूमैंट में फंड स्वीकार करने से रोक दिया है। इनमें नैशनल कॉमन मोबिल्टी कार्ड्स भी शामिल है। जिसका इस्तेमाल मैट्रो, फूड और फ्यूल वॉलेट में होता है। पेटीएम के जरिये लोन लेने वालों को लगातार रीपेमैंट करते रहना होगा। क्योंकि यह लोन थर्ड पार्टी लैंडर का है, पेटीएम का नहीं। कुछ बड़े सरकारी प्लेटफार्मों के पास मल्टीपल पेमेंट गेटवेज है उन्हें भी बदलाव करना पड़ सकता है। आरबीआई के एक्शन का असर कम्पनी के शेयरें पर भी पड़ सकता है।
आदित्य नारायण चोपड़ा
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