संपादकीय

प. बंगाल में सीट बंटवारा अंतिम चरण में

Shera Rajput

कांग्रेस पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा और भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) के साथ सीट-बंटवारे समझौते को अंतिम रूप देने की कगार पर है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस 12 से 15 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है जबकि आईएसएफ छह निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ने के लिए सहमत हो गया है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने गुरुवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 56 उम्मीदवारों की अपनी तीसरी सूची जारी की। अपनी तीसरी सूची में, कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में आठ सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की। पार्टी ने फिर से बहरामपुर से अधीर रंजन चौधरी को मैदान में उतारा है, जिससे अनुभवी कांग्रेस नेता और क्रिकेटर से नेता बने टीएमसी उम्मीदवार यूसुफ पठान के बीच बहुप्रतीक्षित टक्कर होगी। इसके अलावा, कांग्रेस ने मालदा दक्षिण से ईशा खान चौधरी, मालदा उत्तर से मोस्ताक आलम और पुरुलिया से नेपाल महतो को मैदान में उतारा है।
चंडीगढ़ सीट पर तिवारी या बंसल
कांग्रेस चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर उम्मीदवार के फैसले को लेकर पूरी तरह तैयार है। एक रिपोर्ट के मुताबिक तीन लोगों -चंडीगढ़ के पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल, आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और चंडीगढ़ कांग्रेस प्रमुख एचएस लक्की के नाम सीईसी को भेजे गए थे। सूत्रों के मुताबिक, पवन कुमार बंसल व मनीष तिवारी इस सीट के लिए सबसे आगे हैं।
पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) के सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। पार्टी पारंपरिक रूप से नगर निकाय और संसदीय चुनावों, दोनों में चंडीगढ़ में एक प्रमुख और प्रतिष्ठित ताकत रही है। इस बार जाहिर तौर पर पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है।
फातमी के सहारे मुस्लिमों पर नजर
जद (यू) के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिससे पूर्व केंद्रीय मंत्री के राजद में शामिल होने और दरभंगा या मधुबनी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगने लगी हैं। यह घटनाक्रम एनडीए द्वारा बिहार के लिए सीट-बंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा के बाद आया है, जहां भाजपा 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें दरभंगा भी शामिल है। इस सीट से फातमी चार बार जीत चुके हैं। चर्चा यह है कि फातमी, जिनके बेटे फराज मौजूदा समय में जदयू विधायक हैं, को राजद द्वारा रणनीतिक के तहत वापस लुभाया जा सकता है। दरअसल, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी के बाद राजद को उम्मीद है कि वह अपने मुस्लिम समर्थन आधार को फिर से मजबूत कर सकेगी।
बिहार : इंडिया गठबंधन में सीटों पर पेंच
बिहार में राजद, कांग्रेस, तीन वामपंथी दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के बीच सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया है और एक-दो दिन में इसकी घोषणा कर दी जाएगी। राजद ने बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के साथ और गुरुवार को सीपीआई (एमएल) के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा की थी। सूत्रों के मुताबिक, राजद कम से कम 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस 8 से 9 सीटों पर लड़ सकती है, जबकि 3 से 4 सीटें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), एक सीट सीपीआई-एम और एक सीट सीपीआई के लिए छोड़ी जाएगी। हालांकि सीपीआई (एमएल) सीवान सहित राज्य में चुनाव लड़ने के लिए आठ सीटें मांग रही है जबकि राजद आरा, नालंदा और काराकाट सीट सीपीआई-एमएल को दे रही है, लेकिन सीपीआई-एमएल सीवान भी चाहती है और यही सीट राजद और सीपीआई-एमएल के बीच विवाद की जड़ बन गई है।
सूत्रों के मुताबिक, अगर सीपीआई-एमएल को सीवान सीट नहीं मिलेगी तो राजद और सीपीआई-एमएल के बीच दोस्ताना मुकाबला होगा। वहीं, कांग्रेस को पश्चिमी चंपारण, औरंगाबाद, किशनगंज, पटना साहिब, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर सीटें मिलेंगी। हालांकि कांग्रेस बेगुसराय, कटिहार, नवादा और पूर्वी चंपारण सीटें चाहती है और यह राजद और कांग्रेस के बीच विवाद की जड़ बन गई है। सीपीआई को बेगुसराय सीट और सीपीआई-एम को खगड़िया सीट मिल सकती हैं। वहीं, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी से बातचीत चल रही है और राजद उसे एक सीट ऑफर कर सकती है।

– राहिल नोरा चोपड़ा