'इक मुद्दत से कुछ बोले नहीं हो तुम,
आओ तुम्हारे चुप लबों पर कुछ बातें रख दूं
एक वक्त गुजरा जो सोए नहीं हो तुम, आओ तुम्हारे जागते नैनों पर कुछ रातें रख दूं'
बोलती चुप्पियों से नए सियासी मिथक गढ़ने में कांग्रेस का भी कोई सानी नहीं, दुनिया जानती है कि भाजपा में रह कर भी पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी के विचार व तेवर कई दफे पार्टी लाइन से मेल नहीं खाते, अटकलें पहले भी खूब लगी हैं कि वरुण गांधी पाला बदल कर अपने नैसर्गिक घर कांग्रेस का रुख कर सकते हैं, वक्त गुजरता रहा, पर इन कयासों को कोई मुकम्मल चेहरा हासिल नहीं हो पाया।
सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने वरुण गांधी से फोन पर एक लंबी बात की और उनके समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि '2024 का लोकसभा चुनाव वह कांग्रेस की टिकट पर अमेठी से लड़ जाएं, क्योंकि अमेठी उनके स्वर्गीय पिता संजय गांधी की पसंदीदा और परंपरागत सीट में शुमार रही है।' पर सूत्रों का कहना है कि वरुण ने कांग्रेस नेता के इस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया। समझा जाता है तब कांग्रेसी नेता ने उन्हें मनाते हुए कहा कि 'वे अमेठी से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ जाएं कांग्रेस व सपा जैसी पार्टियां उन्हें अपना समर्थन दे देंगी।' पर वरुण ने कहा कि वे पीलीभीत छोड़ कर अन्यत्र कहीं और जाना नहीं चाहते, क्योंकि पिछले कई सालों से उन्होंने पीलीभीत की जनता के लिए अपना खून-पसीना बहाया है, यहां के लोगों के साथ उनका एक दिल का िरश्ता कायम हुआ है, जिसे वे तोड़ना नहीं चाहते।
दरअसल, इस दफे अमेठी और रायबरेली से न सोनिया, न राहुल और न ही प्रियंका चुनाव लड़ना चाहते हैं। इस बात की पहली सुगबुगाहट तब मिली जब रायबरेली के सांसद प्रतिनिधि किशोरी लाल से गांधी परिवार की ओर से कहा गया कि वे रायबरेली छोड़ कर कहीं और की जिम्मेदारी ले लें। दरअसल, अमेठी व रायबरेली इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस पार्टी की ओर से एक जनमत सर्वेक्षण करवाया गया था और सर्वेक्षण के नतीजों में बताया गया कि अमेठी व रायबरेली ये दोनों ही सीट सुरक्षित नहीं हैं।
प्रियंका की गुपचुप यात्रा
पिछले सप्ताह प्रियंका गांधी सवेरे-सवेरे एक प्राइवेट जेट से हैदराबाद जा पहुंची, जहां उनकी तेलांगना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से अकेले में एक लंबी बातचीत हुई। कहते हैं फिर वह उसी जेट से सीधे शिमला आ गईं। शिमला में उनकी मुलाकात वहां के सीएम सुक्खू, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री के साथ हुई। इसके बाद ही पार्टी में इस बात पर सहमति बनी कि सोनिया व प्रियंका दोनों ही नेत्री लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी, पार्टी सोनिया को तेलांगना से और प्रियंका को हिमाचल से राज्यसभा में भेजेगी।
भाजपा ज्वॉइन कर सकते हैं कई दिग्गज कांग्रेसी
जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों की घड़ी पास आ रही है, नेताओं के पाला बदलने का मौसम भी शुरू हो गया है। भाजपा शीर्ष से जुड़े एक विश्वस्त सूत्र के दावे पर अगर यकीन किया जाए तो भगवा पार्टी की ओर से कांग्रेस के कम से कम 15 बड़े नेताओं की एक लिस्ट पीएम मोदी को सौंपी गई है, जो नेतागण भाजपा में प्रवेश के लिए भगवा द्वार पर दस्तक दे रहे हैं। यह अब पूरी तरह पीएम मोदी पर निर्भर करता है कि इनमें से किन नेताओं को वह अपनी पार्टी में लेना चाहते हैं।
सूत्रों का दावा है कि इस लिस्ट में आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, कीर्ति चिदंबरम जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं। कर्नाटक में भी जगदीश शेट्टार की भाजपा में घर वापसी के बाद बेल्लारी के चर्चित जनार्दन रेड्डी के भी भाजपा में वापिस आने के चर्चे गर्म हैं।
हरियाणा के सांसद भी लड़ेंगे विधायकी चुनाव
हालिया दिनों में भाजपा ने मध्य प्रदेश व राजस्थान में अपना एक अभिनव प्रयोग किया था जिसमें पार्टी ने अपने कई मौजूदा सांसदों को विधायकी के चुनाव लड़वा दिए थे, जो हारे सो किनारे, जो जीते उनमें से कई मंत्री व स्पीकर भी बना दिए गए। पार्टी अब यही प्रयोग हरियाणा में भी दुहराना चाहती है। भाजपा को लगता है कि इस छोटे से राज्य में उन्हें मोदी व श्रीराम के नाम पर अपने सांसदों को जिताने में कोई परेशानी नहीं आ रही पर विधानसभा चुनाव में मुकाबला कड़ा है, सो, भाजपा के लिए यहां विधानसभा की एक-एक सीट महत्वपूर्ण हो गई है। जैसे भिवानी महेंद्रगढ़ की लोकसभा सीट पर केद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को चुनाव लड़वाने का फैसला हो सकता है, जहां से मौजूदा सांसद धर्मवीर सिंह हैं, इसके अलावा फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर, रोहतक के अरविन्द शर्मा व सोनीपत के सांसद रमेश चंद्र कौशिक, करनाल के सांसद संजय भाटिया से भी विधानसभा चुनाव लड़ने को कहा जा सकता है। इधर कहा जहा रहा है कि धर्मवीर सिंह समेत कई मौजूदा सांसद विधानसभा का चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं, इनका कहना है कि 'हमने राजस्थान-मध्य प्रदेश में अपने साथी सांसदों का हश्र पहले ही देख लिया है।'
दिल्ली के सांसद भी बदले जाएंगे
दिल्ली के भी तमाम मौजूदा सांसदों को बदलने की तैयारी है, इन सांसदों ने भी अभी से अपने लिए नई सीटों की तलाश शुरू कर दी है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने हरियाणा जाने में अनिच्छा जताई है, वे हरियाणा के जगह यूपी के बिजनौर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, मनोज तिवारी बिहार के बक्सर का रुख कर सकते हैं, तो हंसराज हंस को पंजाब भेजा जा सकता है, गौतम गंभीर जैसे नेता को कहीं न कहीं एडजस्ट जरूर किया जाएगा। दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी की नज़र गौतमबुद्ध नगर की सीट पर है, इसी सीट पर एक और गुर्जर नेता नरेंद्र भाटी का भी दावा है, पर सूत्रों की मानें तो संघ यहां से महेश शर्मा को ही 'बैक' कर रहा है, जो यहां के मौजूदा सांसद हैं, महेश शर्मा ने गौतमबुद्ध नगर से चुनावी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
…और अंत में
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उम्र हावी होने लगी है, जब भाजपा की नीतीश के साथ मिल कर सरकार बनाने की बात तय हो गई तो संभावित मंत्रियों के नाम तय करने के लिए एक अहम बैठक आहूत थी। इस बैठक में भाजपा रणनीतिकारों के समक्ष जब नीतीश को अपने संभावित मंत्रियों के नाम पेश करने थे तो वे ज्यादातर मंत्रियों के नाम याद नहीं रख पा रहे थे। बमुश्किल अपने छह मंत्रियों के नाम नीतीश को कंठस्थ थे, बाकियों के नाम उनके सहयोगी उन्हें याद दिला रहे थे। नीतीश की इस बदली भाव-भंगिमाओं को देख कर भाजपा वाले भी भौच्चक थे।
– त्रिदीब रमण