संपादकीय

वाह ! भई वाह…!

Kiran Chopra

वाह! भई वाह, क्या बात है! आज की राजनीति ने तो सबको आश्चर्य में डाल दिया, खासकर बीजेपी या यूं कह लो मोदी जी ने…। आज देशभर में एक ही संदेश है कि अगर तुम मेहनती हो, पार्टी के साथ वफादार हो, देश के साथ वफादार हो, एक अच्छे कार्यकर्ता हो तो आपका भविष्य सुरक्षित है। चाहे आप ​िकसी वर्ग, किसी जाति के हों। एक साधारण कार्यकर्ता को उसकी ईमानदारी को, उसके काम को पहचाना जाता है।
राजस्थान के सीएम पद पर भजनलाल शर्मा की नियुक्ति ने विपक्ष के साथ-साथ भाजपा के लोगों को भी हैरान कर ​दिया। वह पहली बार सांगानेर से विधायक बने और सीधे सीएम बना दिए गए। अभी कि वह पिछले तीन टर्म से प्रदेश भाजपा के महास​िचव रहे और कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का मामला उठाया तथा बाबरी मस्जिद के मामले में जेल यात्रा भी की लेकिन फिर भी काम में डटे रहे। आज वह 56 साल के हैं लेकिन 22 साल पहले सरपंच भी बने और अब सरपंच से सीधे सीएम बने। हर किसी से बनाकर चलना और सबकी समस्याएं दूर करने की कोशिश करना उनका एक बड़ा गुण है। जैसे ही उनकी सीएम बनने की घोषणा हुई सोशल मीडिया में उनकी कई पुरानी फोटो लोगों ने डाली कि कितना साधारण व्यक्ति है।
सबसे अच्छी बात उनकी यह लगी कि इतने बड़े पद पर शपथ लेने से पहले सबसे पहले उन्होंने अपने माता-पिता के चरण धोये, उनकी पूजा की, फिर गाय माता की पूजा की। उनके साथ राजकुमारी दीया भी उपमुख्यमंत्री बनीं। यािन कि आप अमीर हो, गरीब हो, छोटे हो, बड़े हो कोई फर्क नहीं पड़ता। बस आप एक अच्छे कार्यकर्ता होने चाहिए।
उसी तरह छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव आदिवासी पृष्ठभूमि से हैं और वह भी बहुत ही साधारण हैं। कुणकुरी से वह विधायक हैं। अपने क्षेत्र के लोगों में काम करने के मामले में जात-पात से ऊपर उठकर सबका काम करते हैं और बड़ी बात यह है कि दिखावे से दूर हैं। ऐसे लगता था कि शायद उनका नाम कम सुना है परन्तु 2014 के मोदी कैबिनेट में वह इस्पात राज्यमंत्री थे और सदा जमीन से जुड़े रहे और जमीन से जुड़कर काम करते हैं। मुझे पूरा यकीन है उनके काम को मोदी जी ने परखा होगा तथा संगठन तक बात पहुंची होगी, अभी वह छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बने। उन्हें सीएम पद मिला है तो यह उनके काम का ही परिणाम है। उन्होंने भी पहले अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया, पूजा की तब सीएम का पद ग्रहण किया।
यही नहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की बात करें तो वह उज्जैन से जुड़े हैं और एक बहुत ही साधारण परिवार से आते हैं। वह 58 साल की उम्र में सीएम बने और शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री भी रहे हैं। बहुत ही शिक्षित हैं, बीएससी, एलएलबी और पीएचडी करने के बावजूद कभी शिक्षा को लेकर ज्यादा जताया नहीं और आरएसएस की गहरी पृष्ठभूमि रही है। मृदुभाषी और विनम्रता इनका सबसे बड़ा गुण है। इनकी काबलियत अपने काम में लगे रहना है और शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों की समस्याएं और आगे क्या किया जा सकता है उसे लेकर काम करते रहे हैं। उनके इसी गुण को टीम मोदी ने पहचाना, संगठन ने परखा तथा आज परिणाम सबके सामने है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भाजपा के ​दिग्गज विशेष रूप से मोदी जी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा या आरएसएस के अन्य थिंक टैंक हों पार्टी और वर्कर के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं। वर्कर में कमिंटमेंट होनी चाहिए। चाणक्य ने ठीक कहा है कि सेवा भाजपा राजनीति का एक बड़ा गहना है। उम्मीद ही नहीं विश्वास है कि अगर इसे आत्मसात कर लेते हैं तो राजनीति के क्षेत्र में विशेष रूप से सत्ता में आदर्श उदाहरण स्थापित कर सकते हैं। यही आगे चलकर सुशासन की परिभाषा बनता है।
यदि एक आम आदमी, साधारण व्यक्ति देश का राजा बनता है तो वह एक आम व्यक्ति का दुःख-दर्द, जरूरत सब जानता है। उसके जीवन में कहां-कहां क्या कठिनाइयां आती हैं वह समझता है ताे वह एक आदर्श सीएम बन सकता है। मोदी जी चायवाले से उठकर आम जनता में कार्य कर हर प्रदेश के बारे में जानते हैं। वो देश का भूगोल, इतिहास, राजनीति सब जानते हैं। इसीलिए देश विश्व गुरु बनने की ओर है। ठीक ही तो कहते हैं मोदी है तो मुमकिन है।