75वें गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले किये गए पद्म पुरस्कार ऐलान के मुताबिक इस साल 132 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इनमें 5 को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण और 110 को पद्मश्री से नवाजा जाएगा। पूर्व उपराष्ट्रपति एम। वेंकैया नायडू, हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री वैजयंतीमाला, प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मा सुब्रमण्यम, साउथ फिल्मों के एक्टर चिरंजीवी और बिंदेश्वर पाठक (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा। वहीं, बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती, उषा उथुप, फातिमा बीबी (मरणोपरांत), उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक को पद्म भूषण देने का ऐलान किया जाएगा।
पद्मा पुरस्कार जितना गौरवशाली पुरस्कार है उल्टी ही महत्वपूर्ण उसका इतिहास है, ऐसे में ये जानना जरूरी है कि पद्म पुरस्कारों का इतिहास क्या है? किन लोगों को मिलता है? नामांकन या सिफारिश कैसे की जाती है? पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने पर क्या मिलता है?
क्या है पद्म पुरस्कारों का इतिहास?
- पद्म पुरस्कार यानी पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री, देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से हैं। 1954 से हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर इनकी घोषणा की जाती है।
- पद्म पुरस्कार कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, मेडिसिन, सामाजिक कार्य, विज्ञान समेत कई क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां हासिल करने वाले और विशिष्ट काम करने वालों को दिए जाते हैं।
- padmaawards.gov.in पर दी गई जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार 1954 से भारत रत्न और पद्म विभूषण पुरस्कार दे रही है। पद्म विभूषण में तीन वर्ग थे- पहला वर्ग, दूसरा वर्ग और तीसरा वर्ग।
- इन वर्गों के नाम को बाद में बदल दिया गया। 8 जनवरी 1955 को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसके बाद इन वर्गों का नाम पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री कर दिया गया।
किन लोगों को मिलता है ये सम्मान?
- ये पुरस्कार कला, साहित्य, शिक्षा, खेल-कूद, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग समेत विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि या सेवाओं के लिए दिए जाते हैं। ये पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं।
- पद्म विभूषण : असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए।
- पद्म भूषण : उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए।
- पद्म श्री : विशिष्ट सेवा के लिए।
- गृह मंत्रालय के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र होता है। हालांकि, सरकारी कर्मचारी इन पुरस्कारों के लिए तब तक पात्र नहीं हैं, जब तक वो पद पर हैं। हालांकि, इसमें डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छूट है।
पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों को क्या मिलता है?
- हर साल राष्ट्रपति भवन में पुरस्कार समारोह का आयोजन होता है। इस दौरान पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और सील वाला सर्टिफिकेट और मेडल दिया जाता है।
- पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों को उनके मेडल की एक प्रतिकृति भी दी जाती है, जिसे वो किसी भी समारोह में पहन सकते हैं।
- गृह मंत्रालय के मुताबिक, ये पुरस्कार कोई पदवी नहीं है। इसलिए विजेताओं के नाम के आगे या पीछे इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा होता है तो पुरस्कार वापस लिया जा सकता है।
- इन पुरस्कारों के साथ विजेताओं को कोई नकद पुरस्कार, भत्ता या रेल-हवाई यात्रा में छूट जैसी कोई सुविधा नहीं दी जाती है।
कैसे होता है पद्म पुरस्कारों के लिए चयन?
- सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें, केंद्र सरकार के मंत्रालय या विभाग, भारत रत्न और पद्म विभूषण पुरस्कार हासिल कर चुकी हस्तियां पद्म पुरस्कारों के लिए किसी भी व्यक्ति के नाम की सिफारिश कर सकती हैं। ये प्रक्रिया हर साल होती है।
- इसके अलावा कोई व्यक्ति भी खुद से पद्म पुरस्कार के लिए अपना नामांकन कर सकता है। इसके लिए awards।gov।in वेबसाइट पर जाना होगा। यहां Nomination/Apply Now के टैब पर क्लिक करना होगा। इसके बाद अपनी सारी जानकारी देनी होगी। साथ ही आपने जो काम किया है, उसके बारे में भी बताना होगा। इसकी शब्द सीमा 800 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- नामांकन या सिफारिश करने की भी एक समय सीमा होती है। हर साल 1 मई से 15 सितंबर तक की तारीख तय रहती है। 15 सितंबर नाम वापसी की भी आखिरी तारीख होती है।
- पद्म पुरस्कारों के नामों पर विचार करने के लिए हर साल प्रधानमंत्री एक कमेटी का गठन करते हैं। इस कमेटी के अध्यक्ष कैबिनेट सचिव होते हैं। नामों पर विचार करने के बाद ये कमेटी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को सिफारिश करते हैं। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद पद्म पुरस्कार के लिए नाम तय होते हैं।
- एक साल में दिए जाने वाले पद्म पुरस्कारों की संख्या 120 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हालांकि, अगर इसमें मरणोपरांत और विदेशियों को दिए जाने वाले पुरस्कार शामिल हैं तो ये संख्या 120 के पार हो सकती है।
- पद्म पुरस्कार आमतौर पर मरणोपरांत नहीं दिए जाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में सरकार मरणोपरांत पुरस्कार देने पर विचार कर सकती है।
कब होती पद्म पुरस्कारों की घोषणा?
- पद्म पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर की जाती है। हालांकि, 1978, 1979 और 1993 से 1997 तक इनकी घोषणा किन्हीं कारणों की वजह से गणतंत्र दिवस के मौके पर घोषित नहीं हुए थे।
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