पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है। चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। पाकितान का आम चुनाव को लेकर काफी दिनों से उत्सुकता थी कि यह चुनाव कब होगी लेकिन तारीखों के ऐलान के बाद इस पर विराम लग चुका है। अब पाकिस्तानी आम चुनाव एक नई वजह से सुर्खियों में है। इन सुर्खियों के बनने के पीछे का कारण पाकिस्तानी सियासत में एक हिंदू महिला की एंट्री है।
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पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है। चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। पाकितान का आम चुनाव को लेकर काफी दिनों से उत्सुकता थी कि यह चुनाव कब होगी लेकिन तारीखों के ऐलान के बाद इस पर विराम लग चुका है। अब पाकिस्तानी आम चुनाव एक नई वजह से सुर्खियों में है। इन सुर्खियों के बनने के पीछे का कारण पाकिस्तानी सियासत में एक हिंदू महिला की एंट्री है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी-हिंदू डॉ. सवीरा प्रकाश आगामी आम चुनाव में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनेर जिले से खड़े होने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की पहली महिला उम्मीदवार बनने जा रही हैं। सवीरा प्रकाश ने 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। उनके पिता ओम प्रकाश, हाल ही में सेवानिवृत्त डॉक्टर हुए जो पिछले 35 वर्षों से पार्टी के सक्रिय सदस्य थे।
सवीरा प्रकाश ने 23 दिसंबर को PK-25 की सामान्य सीट के लिए अपना नामांकन पत्र जमा कर दिया है। वह वर्तमान में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की महिला विंग की महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। पार्टी डॉ. सवीरा प्रकाश पर अपना दाव लगाने को तैयार है।
पाकिस्तानी-हिंदू डॉ. सवीरा प्रकाश डॉन को बताया कि उनकी मेडिकल पृष्ठभूमि के कारण "मानवता की सेवा करना मेरे खून में है। उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित विधायक बनने का उनका सपना एक डॉक्टर के रूप में सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन और असहायता का अनुभव करने के कारण पैदा हुआ था।
पिता के नक्शेकदम में चल रही हैं सवीरा दरअसल, डॉ. सवीरा प्रकाश को खैबर पख्तूनख्वा के बुनेर जिले की सामान्य सीट के लिए आधिकारिक तौर पर अपना नामांकन पत्र जमा कराया हैज़। हिंदू समुदाय से आने वाली प्रकाश के पिता ओम प्रकाश पिछले 35 सालों से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से जुड़े हुए हैं. जो कि एक सेवानिवृत्त डॉक्टर हैं। उन्होंने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए चुनाव में अपनी दावेदारी ठोंकी है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बुनेर एक स्थानीय नेता इमरान नोशाद खान ने बताया कि वह बिना किसी की पहवाह किए पूरे दिल से सवीरा का समर्थन कर रहे हैं। डॉ. सवीरा ने एक पाकिस्तान समाचार पोर्टल से बात करते कहा कि वह अपने क्षेत्र में गरीबों और महिलाओं के कल्याण के लिए काम करने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहती हूं। उन्होंने शुक्रवार 23 दिसंबर को अपना नामांकन दाखिल किया है।
अस्पतालों में खराब मैनेजमेंट ने किया मोटिवेट उन्होंने कहा कि मैं चिकित्सा पृष्ठभूमि से आती हूं और मानवता की सेवा करना मेरे खून में है, विधायक बनने का मेरा सपना सरकारी अस्पतालों में खराब मैनेजमेंट और अस्पतालों में डॉक्टरों की खराब स्थिति ने मुझे का चुनाव लड़ने के लिए मोटिवेट किया। उन्होंने कहा कि वह पारंपरिक पितृसत्ता द्वारा कायम रूढ़ियों को तोड़ रही हैं, बुनेर के पाकिस्तान में विलय के बाद एक महिला को आगे बढ़ने और चुनाव लड़ने में 55 साल लग गए। बता दें कि डॉ सवीरा प्रकाश ने 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है। वो बुनेर में पीपीपी महिला विंग की महासचिव भी हैं। वहीं, इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान ने हाल में है सामान्य सीटों पर 5 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की अनिवार्य कर दिया है।
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