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क्या किसी ने आप पर लक्ष्मी बंधन का तंत्र प्रयोग कर दिया

Desk Team

क्या है लक्ष्मी बंधन और इससे कैसे मुक्ति पाएं।

लक्ष्मी बंधन :  सच्चाई या भ्रान्ति
जब हमारे जीवन में लगातार धन की समस्या रहने लगे तो ज्यादातर लोगों की एक निश्चित सोच बन जाती है कि किसी ने उनका लक्ष्मी बंधन करवा दिया है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं होता है। किसी का जीवन भर के लिए लक्ष्मी बंधन करना बहुत अव्वल दर्जे की तांत्रिक प्रक्रिया है जो किसी सामान्य ज्योतिषी या तांत्रिक के लिए सम्भव नहीं है। इसलिए मेरा यह अनुभव रहा है कि 90 प्रतिशत मामलों में किसी तरह का कोई बंधन नहीं होता है। दूसरे बहुत से कारण हो सकते हैं जिनके बारे में हमें पर्याप्त जानकार नहीं होने से एक भ्रम का आवरण बन जाता है जो कि लक्ष्मी बंधन जैसी धारणा का एक आभा मंडल बना देता है। जो हमें सच्चाई से विमुख कर देता है। हालांकि यह बात अलग है कि एक सुनियोजित रूप से भ्रम का जाल फैलाया जाता है, यह भी एक सच्चाई है।

क्या है लक्ष्मी बंधन

जब हम लक्ष्मी बंधन की बात करते हैं तो सर्वप्रथम हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या वास्तव में हमारा कोई ऐसा दुश्मन है जिसने हमारी लक्ष्मी का बंधन कर दिया है। या आप यह भी शंका व्यक्त कर सकते हैं कि क्या लक्ष्मी बंधन संभव है। क्या कोई काल के चक्र का बदल सकता है। क्या कोई हमारा भाग्य बांध सकता है। तो पहले तो आप यह समझ लें कि इस संसार में सब कुछ संभव है। तंत्र एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि लक्ष्मी बंधन के साथ मारण प्रयोग भी कर सकती है। इस तरह के बहुत से मामले मेरे समक्ष आते हैं। लेकिन इसके साथ यह भी एक सच्चाई है कि ज्यादातर मामलों में लक्ष्मी बंधन नहीं होता है। खराब ग्रहों और हाथों में खराब रेखाओं के कारण या घर में गंभीर वास्तु दोषों के कारण भी हमारे जीवन से लक्ष्मी चली जाती है। जब कि हम यह सोचते रह जाते हैं कि किसी ने हम पर तंत्र प्रयोग करके हमारी लक्ष्मी या धन का बांध दिया है। कई मामालों में यह भी देखा जाता है कि बहुत खोटे ग्रहों के कारण दशकों तक घर में गरीबी बनी रह सकती है। इसके अलावा जब घर में अग्नि तत्त्व के स्थान पर जल का स्थान बना दिया जाता है तब भी धन का स्तंभन हो जाता है। इस स्थिति में उतना ही धन आयेगा जितना की आप की दैनिक जरूरत हो। आप कभी दूसरा मकान नहीं बना सकेंगे या फिर कोई जमीन या वाहन नहीं खरीद सकेंगे। यदि एक लाख रूपया आना है तो उस एक लाख रूपये का गडढ़ा पहले से ही तैयार मिलेगा। इसलिए सबसे पहले अपनी जन्म कुंडली, हस्तरेखाएं और वास्तु का समुचित अवलोकन करवाएं उसके बाद ही लक्ष्मी बंधन के संबंध में सोचे। लक्ष्मी बंधन का निर्णय किस प्रकार से करें जब आप पूरी तरह से आश्वस्त हो जाएं कि सब कुछ ठीक है तो जीवन में घट रही कुछ बातों को नोट करें। यह नीचे दी गई बातें

आपके जीवन में हो रही हों तो संभव है कि आप की लक्ष्मी का बांधा गया

-जब अचानक घटनाएं आपके विरूद्ध होने लगे।
-जब ऋण की पोजिशन ऐसी बन जाए कि ऋण के ब्याज को चुकाने केे लिए भी ऋण लेना पड़ रहो हो।
– आपके बिजनेस प्लेस या घर के अंदर या बाहर कोई ऐसी वस्तु पड़ी हो कि आपके संस्कारों और धर्म के विरूद्ध हो।
– घर में किसी की अचानक मृत्यु हो जाए या फिर असाध्य रोगों से कोई ग्रसित हो जाए।
– फैक्टरी, दुकान या बिजनेस प्लेस अचानक किसी दुर्घटना के कारण बंद हो जाए।
– जब आपको गलत और आत्मघाती निर्णय लेने के तुरन्त बाद इसका अहसास हो जाए कि आपने गलत फैसला लिया है और उसका खामियाजा आपको भुगतना पड़ेगा। उपरोक्त तथ्यों या उनसे मिलते-जुलते लक्षण यदि जीवन में दिखाई दे तो समझ जाएं कि वास्तव में आप पर किसी न तंत्र प्रयोग कर दिया है।

क्या करें उपाय

जब यह निश्चित हो जाए कि धन को बांधा गया है तो उसके उपाय शुरू करने चाहिए। वैसे तो किसी भी रोग का ईलाज उसके लक्षणों पर आधारित होता है। इसलिए पहले तो यह प्रयास करें कि आपको किसी विशेषज्ञ की सेवाएं मिल जाए जो आपको सर्वदा सही मार्गदर्शन करवा सके। यहां यह ध्यान में रखें कि इस स्थिति में काउंसलिंग का बहुत महत्त्व है। सही काउंसलिंग ही आपको इस बुरे समय से निकाल सकती है। यदि यह संभव नहीं हो कि आपको विशेषज्ञ की सेवाएं मिल सके तो आप निम्न उपाय अपने स्तर पर भी कर सकते हैं। इन उपायों से भी आप लाभ ले सकते हैं। यह अलग बात है कि इनसे आपको तत्काल कोई फायदा नहीं दिखाई दे लेकिन अन्ततः आपको लाभ अवश्य होगा, यह निश्चित है। बस शर्त यही है कि

इन उपायों को आप लगातार करते रहें

पहला उपाय – देशी गाय का मूत्र, गंगाजल और बरसात का जल इन तीनों का मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण को एक लीटर की बोतल में भर लें। फिर प्रतिदिन संध्या के समय एक लोटे में सामान्य जल लेकर उसमें इस मिश्रण के लगभग चार चम्मच मिला कर पूरे घर, ऑफिस, फैक्टरी या दुकान या बिजनेस प्लेस में हल्का छिड़काव करें। लगभग पन्द्रह दिनों में आपको परिणाम मिलने आरम्भ हो जायेंगे।
दूसरा उपाय – पता करें कि आपके कुल में किस देवी या देवता की पूजा होती रही है। उसकी शरण मंे जाएं। उस इष्ट की पूजा-अर्चना या जो भी आपके पूर्वज करते रहें हैं उन्हें पुनः चालू करें।
तीसरा उपाय – जिम्बाला की लकड़ी से कुबेर जी की मूर्ति बना कर अपने घर के मंदिर में स्थापित करें।
हालांकि उपाय कितने कुछ कारगर होंगे वह तंत्र प्रयोग पर निर्भर करता है। यदि साधारण तंत्र प्रक्रिया द्वारा लक्ष्मी बंधन किया गया है तो उपरोक्त उपायों से कुछ ही सप्ताह में लाभ दिखाई देने लगता है। यदि तंत्र प्रक्रिया अधिक कलिष्ट है तो उसमें ज्यादा समय भी लग सकता है।

Astrologer Satyanarayan Jangid
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