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पढ़े-लिखे कुंवारों की ज़िन्दगी से जारी खिलवाड़, जानिए इस काली प्रथा का घिनौना सच

Desk News

हाल ही में आई एक खबर के अनुसार पटना हाई कोर्ट ने एक 10 साल पुराने विवाह को गैर क़ानूनी ठहरा दिया, कोर्ट ने दलील दी की सिर्फ मांग में सिन्दूर भर देना विवाह नहीं है। विवाह को गैर-क़ानूनी बताए जाने के पीछे वजह थी पकड़ौआ विवाह (Pakadwa Vivah) आपको इसका नाम सुनकर पता चल रहा होगा कि पकड़ौआ विवाह का मतलब किसी को पकड़कर विवाह करना। दरअसल इसमें अच्छे खासे पढ़े लिखे लड़कों को पकड़कर उसकी जबरदस्ती शादी करवा दी जाती है। बिहार में यह प्रथा बहुत समय पहले मौजूद थी, लेकिन अब भी वहां के कुछ इलाकों में ऐसे मामले सामने आ जाते हैं। हाल-फ़िलहाल में पटना हाई कोर्ट द्वारा एक 10 साल पुराना विवाह खत्म करने के चलते पकड़ौआ विवाह के मामले ने खूब तूल पकड़ी है। 10 साल पुराने इस केस में एक पति का अपनी पत्नी के घरवालों पर यह आरोप था की उन्होंने जबरदस्ती बन्दुक की नोंक पर अपनी बेटी से उसकी शादी कराई। कोर्ट के आदेश के बाद लड़की के परिवार वालों ने कोर्ट का यह फैसला मानने से साफ इंकार कर दिया है।

बंदूक की नौक पर अपहरण

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़ित रवि कांत बताया की, साल 2013 में उनकी सेना में नई-नई नौकरी लगी थी, जिसके कुछ दिनों बाद वे लखीसराय मंदिर में पूजा कर रहे थे अचानक ही वहां कुछ लोग आए और बंदूक की नौक पर उनका अपहरण कर लिया गया, जिसके बाद उन लोगों ने जबरन उनकी शादी अपने घर की किसी लड़की से करवा दी। बिहार में फ़ैली यह प्रथा कोई आज की नहीं है यह काफी लंबे समय से प्रचलन में बनी हुई है, यदि आप इस प्रथा के ऊपर कोई फिल्म, टीवी सीरीज या सीरियल भी ढूंढते हैं तो वह सब भी इस प्रथा पर बने हुए हैं।

क्या है Pakadwa Vivah प्रथा ?

पकड़ौआ विवाह बिहार की एक ऐसी काली प्रथा है जो अच्छे-खासे पढ़े लिखे, कामयाब लड़को की ज़िन्दगी को बर्बाद कर देती है, शादी उनके जीवन का सबसे बड़ा और जरूरी फैसला उनकी बिना मर्जी के जबरदस्ती किसी ऐसी लड़की से करा दी जाती है जिसे उन्होंने पहले कभी न देखा और न जाना होता है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार में यह काली प्रथा साल 1980 से भी पहले से प्रचलित है। भारत में पकड़ौआ विवाह के ज्यादातर मामले उत्तर बिहार में पाए जाते हैं। कुछ लोगों के मुताबिक बिहार में कुछ जगहों पर बकायदा इस काम के लिए कुछ गिरोह होते थे जो काम को पूरा करवाते थे और इसका पैसा लड़की पक्ष से वसूलते थे। कहीं न कहीं ये गिरोह आज भी बिहार के कई इलाकों में इन कामों के अंजाम दे रहे हैं। एक समय पर पकड़ौआ विवाह इतनी तेजी से फैला था कि, लोगों ने अपने जवान, पढ़े लिखे और कामयाब लड़कों को शादी के सीजन में घरों से बाहर निकलने पर पाबन्दी लगा दी थी।

बिहार स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार बिहार के अंदर साल 2020 में जबरदस्ती शादी कराने के 7,194, साल 2019 में 10,295, साल 2018 में 10,310 और साल 2017 में 8,927 मामले हुए, लेकिन अधिकतर मामलों में कोर्ट पहुंचने से पहले ही आपसी सहमति बन गई। इसमें यह भी बताया गया कि साल 2020 में पकड़ुआ शादी के 33 तथा 2021 में 14 मामले सामने आए। बिहार के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि, इन मामलों में उन्हें केसेस को दर्ज किया जाता है जिनमें समझौता होने के चांस न के बराबर रहते हैं।

क्या दहेज़ से जुड़े हैं पकड़ौआ विवाह के तार?

दहेज और पकड़ौआ विवाह दोनों ही बहुत बड़े और घिनौने अपराध हैं, एक लड़की का जीवन बर्बाद कर देता है और दूसरा लड़के को कहीं का नहीं छोड़ता। साल 1961 में एक नया कानून पारित हुआ जिसके अनुसार दहेज़ लेना और देना दोनों को ही एक बड़ा क्राइम बताया गया। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार यह कानून बनने के बाद बिहार के कुछ जिलों में पकड़ौआ विवाह (Pakadwa Vivah) के मामलों ने तूल पकड़ लिया। कुछ लोगों ने बताया कि, पकड़ौआ विवाह होने के पीछे का मुख्य कारण दहेज ही है, क्योंकि जब किसी की अपनी बेटी की शादी करनी होती थी और वह दहेज़ देने में सक्षम नहीं हो पाता था उस दौरान वह इस कदम को उठाता था, क्योंकि दहेज़ कानून की वजह से लड़का पक्ष इस मामले की थाने में शिकायत नहीं कर सकता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस कार्य को सांगठनिक होकर किया जाता था। अब भी कई ऐसे गुट मौजूद हैं जो इस काम को करवाते हैं।

इस विवाह में लड़के को पकड़कर उसे कुछ दिनों तक बंद कमरे में रखा जाता है और शादी वाले दिन उसकी विधि के अनुसार शादी करवा दी जाती है जिससे लड़की पक्ष के लोग दहेज की डिमांड से बच जाते हैं और एक क्राइम से बचने के लिए दूसरे क्राइम को अंजाम देते हैं।

पकड़ौआ विवाह क्यों?

पकड़ौआ विवाह होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण अच्छा पढ़ा-लिखा, कमाने वाला लड़का लड़की वालों को मिल जाता है जो अच्छी जगह पर सेटल होता है। कुछ लोगों के अनुसार इसका एक कारण लड़की का कम या बिलकुल अनपढ़ होना भी होता है लड़की के अनपढ़ होने की वजह से उसके लिए अच्छा लकड़ा ढूढ़ना माँ-बाप के लिए मुश्किल हो जाता है जिससे वे इस गलत कदम को उठा लेते हैं। कुछ लोगों के अनुसार अपने आपसी रिश्तों में भी इस तरह के मामले सामने आते हैं। कुछ मामलों में बहन जिस घर में शादी करती है उसके भाई को उसकी नन्द के लिए ही उठा लिया गया है। इस तरह के विवाह को लेकर एक शोध किया गया जिसमें यह 600 लोगों से पूछा गया, इनमें से 47 प्रतिशत लोगों का कहना था कि पकड़ुआ शादी में कपल में लड़की और लड़का दोनों ही पीड़ित होते हैं। 58 प्रतिशत लोगों का कहना था कि यह कोई विवाह नहीं होता है यह सिर्फ खिलवाड़ है जिसमें या तो लड़का-लड़की मर-मर कर जीते हैं या यह जल्द ही टूट जाती है।

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