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नौकरी से हो गए हैं परेशान, Startup की दुनिया में रखें कदम, हो जाएंगें मालामाल

Aastha Paswan

Startup: यह वक़्त स्टार्टअप के लिए सबसे मुफीद बताया जा रहा है। भारत में पिछले 20 साल में स्टार्टअप की लागत कम हुई है। टेक्नॉलजी की वजह से काम करना आसान हो गया है। लेकिन, हम अपना स्टार्टअप या बिजनेस कैसे शुरू करें और सारी मुश्किलों को पार करते हुए उसे कामयाब कैसे बनाएं?

Highlights

  • कैसे करें Startup की शुरुआत
  • बिना MBA की डिग्री से हो जाएंगे अमीर
  • 20 साल में Startup की लागत भी कम

आप भी बन सकते हैं करोड़पति

अगर कोई शख्स जॉब नहीं करना चाहता या उसे सही जॉब नहीं मिल पा रही है। लेकिन वह अपने काम में 100 नहीं, 200 फीसदी मेहनत करता है और बढ़िया प्लानिंग के साथ पूरा कर सकता है तो स्टार्टअप की दुनिया में स्वागत है। हम इस लेख में जानेंगे कि स्टार्टअप कैसे शुरू करें। कैसे पता चले कि हम भी स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं या नहीं? किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

कैसे शुरू करें Startup

हम कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो Startup के बारे में सोचते हैं। अब इंटरनेट की वजह से कम पैसे में चीजों को बहुत लोगों तक पहुंचा सकते हैं। भारत में पिछले 20 साल में Startup की लागत भी कम हुई है। टेक्नॉलजी की वजह से काम करना आसान हो गया है। लेकिन हम अपना Startup या बिजनेस कैसे शुरू करें और सारी मुश्किलों को पार करते हुए उसे कामयाब कैसे बनाएं? हमारे सामने सबसे बड़ा सवाल यही उठता है। स्टार्टअप शुरू करने के कई अहम कदम होते हैं। जब हम इनके बारे में जान लेंगे तो चीजें आसान हो जाएंगी। सबसे पहले तो हमें अपना मूल्यांकन करना चाहिए कि हम Startup के लिए तैयार भी हैं या नहीं?

Entrepreneur – ऐसा शख्स जो मार्केट में आए नए मौके के मुताबिक ऐक्शन ले। बाजार की अलग-अलग प्रॉडक्ट कैटिगरी में वह फटाफट कदम रखता है। वह Startup शुरू करता है।

Entrepreneurship – यह प्रक्रिया एक बिजनेस की प्लानिंग करने, टीम बनाने और फिर कस्टमर की जरूरतों को पूरा करने व शेयरहोल्डर्स के लिए प्रॉफिट कमाने के लिए नए-नए तरीकों से बिजनेस चलाने से शुरू होती है।

Startup और Business में फर्क?

कभी-कभी Startup और बिजनेस जैसे शब्दों को एक-दूसरे की जगह इस्तेमाल कर लिया जाता है लेकिन ये दोनों अलग हैं। स्टार्टअप और छोटा बिजनेस करना दोनों अलग बातें हैं। स्टार्टअप वह बिजनेस मॉडल है जो कोई बिजनेसमैन नए आइडिया और किसी परेशानी को हल करने के मकसद से शुरू करता है, जैसे ऑनलाइन पैसों का ट्रांसफर करना। इसमें आइडिया और इनोवेशन दोनों चीजें अहम होती हैं, जबकि छोटा बिजनेस वह मॉडल है जिसके जरिए कोई पारंपरिक व्यवसाय में ही अपनी बेस्ट सर्विस देने की कोशिश करता है। वह लोकल लेवल पर होता है जैसे किराने की दुकान। इसका मतलब है कि कोई बिजनेस वह जो पहले से चल रहा है और स्टार्टअप नए विचार या नई तकनीक से पैदा होता है। वह स्टार्टअप तभी है जब वह कोई नया बिजनेस होगा।

ऐसे होते हैं Entrepreneur  में गुण

आप बिजनेस चलाना चाहते हैं या स्टार्टअप? अगर Entrepreneur बनना है तो क्या आपके अंदर सही काबिलियत है? इसलिए कामयाब Entrepreneur के गुण जान लेते हैं। एक कामयाब Entrepreneur में ऐसे गुण होते हैं जो उनके व्यक्तित्व का हिस्सा होते हैं और कामयाबी दिलाते हैं। ये उन्हें जीवन में कामयाब होने में मदद तो करते ही हैं, साथ ही Entrepreneurship के दौरान आनेवाली मुश्किलों को दूर करने में भी मदद करते हैं।

क्या आप में है कॉन्फिडेंस?

आत्मविश्वास किसी भी काम को पूरा करने के लिए सबसे जरूरी क्षमता है। इसका यह भी मतलब है कि अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना। आत्मविश्वास एक आंत्रप्रेन्योर को कस्टमर तक पहुंचने और उनसे प्रॉडक्ट या सर्विस के बारे में उनकी प्रतिक्रिया मांगने में मदद करता है। एक आंत्रप्रेन्योर को प्रॉडक्ट डिवेलप करने, उसे निवेशकों तक पहुंचाने और बनाने के लिए टीम तैयार करनी होती है। उसमें इतना आत्मविश्वास होना चाहिए कि अपने विजन में सबका भरोसा जगा सके। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ओवर कॉन्फिडेंस न हो। अति आत्मविश्वास अक्सर गलत फैसले करवा देता है। इसलिए बैलंस बनाए रखना भी जरूरी है।

क्या आप Self Motivated हैं?

आजादी का मतलब है वह क्षमता होना कि अकेले भी काम कर सकें और सभी काम बढ़िया तरीके से पूरे करे। एक Entrepreneur खुद को हमेशा Motivated से भरपूर रखता है और अपने कामों पर उसका पूरा कंट्रोल रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका कोई बॉस नहीं होता जो उसे लगातार गाइड करता रहे।

काम के लिए जुनून कितना है?

इस गुण का मतलब है कि उसे ज़िंदगी के मुश्किल वक्त में हार न मानने की आदत हो और वह लगातार आगे बढ़ता रह सकता है। कोई भी कारोबार करने में कई बार नाकामी भी मिलती है। कई बार चीजें हमारे हक में नहीं रहतीं। उस वक्त आंत्रप्रेन्योर को पॉजिटिव रहना होता है। उसका मोटिवेशन खत्म नहीं होना चाहिए। जुनून का मतलब यह भी है कि मुश्किलें दूर करने के लिए अलग और नए तरीके निकालना। पहली कोशिश में नाकामी मिलने के बावजूद निराश या दुखी न होना।

सिर्फ अपने मन की करते हैं?

यह बहुत ही जरूरी है कि दूसरों के विचारों और उनकी राय के प्रति खुलापन बरता जाए। स्टार्टअप में खुला दिमाग रखना ही फायदेमंद होता है, हर कदम पर स्मार्ट होने के लिए गलतियों से सीखना भी जरूरी है। अपनी ही नहीं, दूसरों की गलतियों से भी सीखना होता है।

आपका काम का रवैया कैसा है?

यह क्षमता भी होनी चाहिए कि किसी खास परिस्थिति में कैसे रिऐक्ट करना होता है। आंत्रप्रेन्योर का ऐटिट्यूड ही यह तय करता है कि अगर विपरीत परिस्थिति आई या जब वक्त अपने हक में न हो तो वह कैसे काम करेगा। एक आंत्रप्रेन्योर एक एम्प्लॉई की तरह काम नहीं करता। वह खुद फैसला लेता है और दूसरों को उसे मानने के लिए मोटिवेट करता है। उसका पॉजिटिव ऐटिट्यूड उसे ही नहीं, साथ काम करनेवालों को भी खुश रखता है। क्या आप जुझारू हैं।

क्या आप में पर्याप्त धैर्य है?

कोई बिजनेस कितने वक्त में जमेगा, यह अलग-अलग स्टार्टअप पर निर्भर करता है। क्या आपके अंदर इतना धैर्य है कि इंतजार कर सकें? हो सकता है कि ऐप की टेस्टिंग से 4-6 महीने में ही समझ आ जाए कि स्टार्टअप आगे बढ़ेगा या नहीं। अगर सही दिशा में ग्रोथ नहीं दिख रही तो हाथ खींच सकते हैं। अगर अपना कॉन्सेप्ट समझाने में ही 2 साल लग रहे हों तो आइडिया बदल सकते हैं। लेकिन आइडिया को 6 महीने में कम से कम 100 लोगों के सामने उतार सकते हैं तो जरूर करके देखना चाहिए। वैसे तो अब ऐसे टूल भी आते हैं जो फटाफट डिजिटल स्टोर बना देते हैं। खुद के ऐप की जरूरत नहीं होती। वन-क्लिप प्लैटफॉर्म भी हैं जैसे Shopyfi आदि। वहां यह डर भी नहीं होता कि हमारी वेबसाइट को कोई कॉपी न कर ले।

लीडरशिप सबसे अहम

  • लोगों को अपने साथ लेकर चलने की क्षमता
  • 12 से 16 घंटे तक लगातार काम करने की क्षमता
  • घर परिवार की तरफ से फ्री (वहां किसी जिम्मेदारी, बीमार आदि के लिए वक्त देने की जरूरत नहीं)
  • रोजमर्रा की ज़िंदगी में किसी समस्या का सामना होने पर उसके हल का एकदम नया आइडिया आता हो
  • फटाफट फैसले लेने की क्षमता
  • रिस्क लेने की क्षमता
  • पारिवारिक जिम्मेदारी नहीं
  • कोई बड़ा कर्ज पहले से नहीं
  • कोई बड़ा खर्च (परिवार में किसी की पढ़ाई, शादी, बीमारी आदि पर) अभी या निकट भविष्य में नहीं
  • वह खुद स्वस्थ हो
  • अगर टेक पर आधारित स्टार्टअप करना है तो स्किल सेट में कोडिंग जरूर आनी चाहिए। चाहे IT की डिग्री हो या नहीं
  • मेंटली बहुत मजबूत
  • इमोशनल होकर फैसले न लेते हों।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है।

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