Top 10 Gangster कोई मज़बूरी में तो कोई मजबूती से जुर्म की दुनिया में आ तो जाते है। लेकिन ऐसे बहुत ही कम लोग है जो वापस इस दुनिया को छोड़ साधारण जीवन अपना पाते हो। अधिकतर लोगों का जुर्म की दुनिया से नाता मौत के रास्ते पर जा कर ख़त्म होता है। कई प्रकार की वारदात को अंजाम देकर जुर्म की दुनिया में बड़ा नाम बनाने की चाह हर वो अपराधी रखता है जो इस रहा पर अपनी छोटी – मोटी छाप छोड़ चुका होता है। इस राह पर चलने वाले के रोल मॉडल तक होते है, जिन लोगो से वो प्रेरणा लेकर इस अमानवीय पेशे को चुनते है। वही कुछ खतरनाक मुजरिम अपने आकाओ को ही इस जुर्म की दुनिया से मुक्ति दे देते है मतलब जिसके साथ काम करते है उन्हें ही मौत के घाट उतार देते है।
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाले की हत्या के कुछ दिन बाद ही ये नाम चर्चा का विषय बन गया था। जो लोग इस नाम से परिचित नहीं थे उनके लिए ये शख्स एक पहेली की तरह था। धीरे – धीरे परिचय के पन्ने खुले तो पता चला ये पहले भी कई पुराने और बड़े नामों को धमकी दे चुका है जिसमे बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान का भी नाम शामिल था। लॉरेंस पर 30 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह कई बार पुलिस हिरासत से भाग चुका है। पहले वो जोधपुर और भरतपुर की जेल में बंद था। लेकिन अब दिल्ली की तिहाड़ जेल में है । पिछले सात साल से लॉरेंस जेल में है। कुछ लोगो का मानना है कि जेल में रहते हुए भी वह आसानी से अपना गैंग चला रहा है। अभी भी उसके गैंग में कई अपराधी सक्रिय जिन पर पुलिस आए दिन दबिश देती है। बिश्नोई का जेल के बाहर का काम गोल्डी बराड़ देखता है। भारत सरकार ने बराड़ को पिछले कुछ दिन पहले आतंकवादी घोषित किया।
पंजाब , हरियाणा और राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक समय में कुख्यात गैंगस्टर सुक्खा काहलवां का जुर्म की दुनिया में बड़ा नाम था। एक कॉल या किसी गुर्गे के मदद से बड़े से बड़े जुर्म को अंजाम देना इनके लिए बेहद ही आसान हो गया था। वर्ष 2000 से 2015 तक इस कुख्यात गैंगस्टर ने 60 से ज्यादा गंभीर वारदातों को अंजाम दिया। इसमें हत्या , डकैती, गैंगवार समेत कई संगीन अपराध शामिल थे। उसके निशाना काफी सटीक और साधा हुआ था। जिस वजह से उसकी पहचान एक शार्पशूटर के रूप में भी हुई। महज 17 साल की उम्र में उस एक मर्डर का पहला मुकदमा दर्ज हुआ। 20 जनवरी 2015 को विक्की गोंडर गैंग के सदस्यों ने सुक्खा कलहवां की पुलिस हिरासत में ही गोली मारकर हत्या कर दी। हत्यारे यही नहीं रुके वो पुलिस के सामने ही नाचने लगे थे। सुक्खा मारा गया तब उसकी उम्र महज 28 साल थी।
एक दौर था जब देवेंदर बंबीहा गैंग गैंगस्टर की दुनिया में अच्छा – खासा नाम हुआ करता था। 2016 में बंबीहा पुलिस द्वारा एनकाउंटर में मारा गया। लेकिन इसका गैंग आज भी सक्रिय है। लॉरेन्स बिश्नोई के करीबी दावा करते हैं कि सिद्धू मूसेवाला की देवेंदर बंबीहा गैंग से नजदीकियां थीं। गैंग ने मूसेवाला की हत्या का बदला लेने का एलान कर दिया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात गैंगेस्टर बदन सिंह बद्दो पर यूपी पुलिस ने ढ़ाई लाख और दिल्ली पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम रखा है। बदन सिंह बद्दो के पिता चरण सिंह 1970 के दशक में जालंधर छोड़कर यूपी के मेरठ में रहने आ गए थे। बद्दो के पिता ने परिवार का जीवनयापन के लिए ट्रक ड्राइवर का काम शुरू किया था। फिर धीरे-धीरे वह खुद एक ट्रांसपोर्टर बन गए। इसी दौरान उसके संबंध इलाके के बदमाशों से हो गए। बताया जाता है कि उसने 1988 में अपराध की दुनिया में कदम रखा ।कुख्यात बदन सिंब बद्दो ने 1996 में एक वकील की हत्या की। इस मामले में कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बद्दो के खिलाफ यूपी समेत कई राज्यों में लूट, डकैती और हत्या के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था। 29 मार्च 2019 को उसे गाजियाबाद पेशी पर लाया गया था। वापसी के दौरान मेरठ में उसने पुलिसकर्मियों को रुपये और पार्टी का लाचल दिया। इसके बाद वह एक होटल गए, जहां पुलिसकर्मियों को उसने शराब पिलाई और फरार हो गया। तब से यूपी पुलिस उसकी तलाश कर रही है। बदन सिंह आज भी आसानी से अपना गैंग चला रहा है।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में हत्या, लूट, अपहरण और फिरौती के लिए बदनाम गुरबख्श गैंग की भी खूब चर्चा है। इस गैंग का सरगना रंजीत सेवेवाला 2015 में मारा गया था। इसके बाद उसका भाई गुरबख्श इस गैंग को चला रहा है। गुरबख्श भी 2017 में पकड़ा गया था, लेकिन आज भी वह जेल से गैंग को ऑपरेट कर रहा है। कहा जाता है कि देवेंदर बंबीहा की मौत के बाद उस गैंग के ज्यादातर लोग सेवेवाला गैंग में शामिल हो गए।
पंजाब में ये गैंग सबसे ज्यादा एक्टिव है। किडनैपिंग, वसूली, हाई-वे रॉबरी, इस गैंग का खास पेशा है। गैंग का मुखिया जग्गू भगवानपुरिया है। उसे 2015 में ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, इसके बाद भी वह जेल से अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है। कहा जाता है कि इसके गैंग में 50 से ज्यादा अपराधी शामिल हैं। इस गैंग का रिश्ता सुक्खा काहलवां गैंग से भी बेहद करीबी है।
उत्तर प्रदेश के ये दो कुख्यात गैंगेस्टर कई साल से यूपी पुलिस को चकमा दे रहे हैं। कहा जाता है कि ये दोनों मुख्तार अंसारी के शार्प शूटर रहे हैं। दोनों गाजीपुर के मुहम्मदाबाद के रहने वाले हैं। दोनों का नाम विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी आया था। दोनों पर 20 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने दोनों पर दो-दो लाख रुपये का इनाम रखा है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के झंगहा में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या में वांछित आरोपी व गैंगस्टर राघवेंद्र यादव पर यूपी पुलिस ने ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। कहा जाता है कि 90 की दशक में जिस श्रीप्रकाश शुक्ला के नाम से हर कोई खौफ खाता था, उससे ज्यादा खौफ राघवेंद्र का है। राघवेंद्र पर एक दर्जन से ज्यादा मामले चल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले सुभाष एंड ब्रदर्स गैंग की चर्चा भी पूरे सूबे में होती है। पांच-पांच लाख रुपये के इनामी पूर्व ब्लॉक प्रमुख सभापति यादव और उसके भाई पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुभाष यादव को इसी साल मई के पहले हफ्ते में कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था। यूपी पुलिस को लगभग दो साल से इन गैंगस्टर बंधुओं की तलाश थी। सभापति यादव पर 41 तो सुभाष पर 29 मुकदमे दर्ज हैं। इसमें हत्या, अपहरण जैसे कई संगीन आरोप लगे हैं। सभापति यादव की पत्नी माधुरी भी ब्लाक प्रमुख रही है और वर्तमान में जिलापंचायत सदस्य है। पत्नी ने सपा के टिकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गई।
पंजाब के सबसे खतरनाक गैंगस्टर्स में गोंडर एंड ब्रदर्स का नाम शामिल है। इसका मुखिया विक्की गोंडर है। ये वही विक्की गोंडर है, जिसने पंजाब के नामचीन गैंगस्टर सुक्खा काहलवां को पुलिस हिरासत में दिन दहाड़े मार डाला था। इसके बाद हत्यारों ने पुलिस के सामने डांस किया था। इसी गैंग पर पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख को धमकी देने का भी आरोप है। विक्की गोंडर अभी जेल में है और वहीं से वह पूरा गैंग ऑपरेट कर रहा है। हाल ही में सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उसके गैंग ने बदला लेने का भी एलान किया है।
अभी तक जितने भी अपराधियों के बारे में हमने जाना है यही निष्कर्ष निकलता है। अधिकतर गैंगस्टर का जुर्म की दुनिया से नाता मौत के साथ ही ख़त्म हुआ। जुर्म की दुनिया के बारे में कहा जाता है। इसमें कोई एक बार प्रवेश कर ले तो उसका बाहर निकलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। लेकिन समय रहते कानून का सहारा ले लिया जाए तो शायद ही कोई जुर्म की इस दुनिया में अपना नाम बनाए। हमेशा इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कानून अपना कार्य जरूर करता है।