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संजय सिंह का WFI चुनाव जीतना पहलवानों को गुजरा नागवार, साक्षी ने संन्यास-बजरंग ने पद्मश्री लौटाने का किया ऐलान

Desk Team

टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) चुनाव में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया। वहीं, पहलवान साक्षी मलिक ने बीते दिन कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया।

आपको बता दें, कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय सिंह गुरुवार को हुए चुनाव में WFI के अध्यक्ष चुने गए और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की। इस नतीजे से 3 शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को काफी निराशा हुई जिन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था।

साक्षी ने संन्यास-बजरंग ने पद्मश्री लौटाने का किया ऐलान

चुनाव के फैसले के तुरंत बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया। वहीं, पूनिया ने एक दिन बाद X पर बयान जारी कर कहा, ''मैं अपना पद्मश्री सम्मान प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरा बयान है।'' इस पत्र में उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से लेकर उनके करीबी के चुनाव जीतने तक तथा सरकार के एक मंत्री से हुई बातचीत और उनके आश्वासन के बारे में बताया। और अंत में पद्मश्री लौटाने की बात कही।

पूनिया ने लिखा, ''प्रधानमंत्री जी, उम्मीद है कि आप स्वस्थ होंगे। आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे। आपकी इस व्यस्तता के बीच आपका ध्यान देश की कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं।'' उन्होंने लिखा, ''आपको पता होगा कि इस साल जनवरी में महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगायो थे। मैं भी उनके आंदोलन में शामिल हो गया था। सरकार ने जब ठोस कार्रवाई की बात की तो आंदोलन रूक गया था।'' अपनी निराशा व्यक्त करते हुए इस स्टार पहलवान ने लिखा, ''लेकिन तीन महीने तक बृजभूषण के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी। हम अप्रैल में फिर सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने लगे ताकि पुलिस कम से कम उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे।''

पूनिया ने लिखा, ''जनवरी में शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल आते आते सात रह गयी। यानी इन तीन महीानों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया।'' जब पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और संजय सिंह के चुनाव के विरोध में अपना पत्र सौंपने के लिए संसद पहुंचने की कोशिश की तो दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक दिया। पूनिया को जब दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने रोका तो उन्होंने कहा, ''नहीं, मेरे पास कोई अनुमति नहीं है। अगर आप इस पत्र को प्रधानमंत्री को सौंप सकते हैं तो ऐसा कर दीजिये क्योंकि मैं अंदर नहीं जा सकता। मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही आक्रामक हूं।''

पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर लगाया था यौन उत्पीड़न का आरोप

बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक जैसे शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर कथित रूप से जूनियर पहलवानों सहित महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। पहलवानों ने सिंह के खिलाफ राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन भी किया था। पहलवानों ने आधिकारिक तौर पर 7 जून को अपना विरोध बंद कर दिया था जब खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि बृजभूषण के परिवार के किसी भी सदस्य या करीबी सहयोगी को कुश्ती महासंघ के चुनाव में उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

संजय सिंह को मिले 40 वोट

अध्यक्ष पद के प्रत्याशी संजय सिंह का मुकाबला राष्ट्रमंडल खेलों की गोल्ड मेडलिस्ट अनीता श्योराण से था। घोषित चुनाव परिणाम के मुताबिक, संजय सिंह को 40 वोट मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी अनीता श्योराण को महज 7 वोटों से संतोष करना पड़ा।

संजय सिंह ने अपनी जीत के बाद कहा था कि यह देश के उन हजारों पहलवानों की जीत है, जिन्हें पिछले 7-8 महीनों में हार का सामना करना पड़ा है।

WFI की छवि में होगा सुधार

कुश्ती की वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने अगस्त 2023 में निर्धारित समय सीमा के भीतर चुनाव कराने में विफल रहने के कारण WFI को निलंबित कर दिया था और भारत के पहलवानों ने पिछले कुछ महीनों में वैश्विक प्रतियोगिताओं में तटस्थ एथलीटों के रूप में प्रतिस्पर्धा की थी। आज सम्पन्न हुए चुनावों से WFI पर लगे प्रतिबंध को हटाने का रास्ता साफ होगा।

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