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Haryana: हाईकोर्ट ने इक बड़ा आदेश दिया है। पीठ ने कहा कहा कि विदेशी लोग जो जेल में हैं, उनके भी मानवाधिकार हैं। उन्हें भी उनके परिजनों से संपर्क करने का अधिकार है। ऐसे में इस प्रकार की व्यवस्था की जरूरत है कि कम से कम महीने में एक बार उनको इसका अवसर दिया जाए।
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की जेल में मौजूद विदेशी कैदियों के मानवाधिकारों को लेकर संज्ञान लेते हुए तीनों को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने महीने में एक बार उनके परिजनों से कॉल या वीडियो कॉल की सुविधा को लेकर नीति बनाने पर जवाब दाखिल करने का आदेश भी दिया है।
हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस संधावालिया बीते दिनों लुधियाना सेंट्रल जेल के दौरे पर थे। इस दौरान उन्हें वहां एक केन्या का नागरिक मिला, उसने बताया कि वह गिरफ्तारी के बाद अब तक अपने परिजनों से बात नहीं कर पाया है। जस्टिस संधावालिया ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के तौर पर सुनने का निर्णय लिया।
हाईकोर्ट ने कहा कि विदेशी लोग जो जेल में हैं, उनके भी मानवाधिकार हैं। उन्हें भी उनके परिजनों से संपर्क करने का अधिकार है। ऐसे में इस प्रकार की व्यवस्था की जरूरत है कि कम से कम महीने में एक बार उनको इसका अवसर दिया जाए। फोन कॉल या वीडियो कॉल के माध्यम से वे अपने परिजनों से बात कर सकें।
इसके लिए दोनों राज्यों व यूटी प्रशासन को नीति तैयार करनी चाहिए। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर अब हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ को पक्ष बनाते हुए आवश्यक नीति को लेकर 2 मई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।