प्रदूषण के स्तर को कम देखते हुए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने औपचारिक रूप से स्पष्ट किया कि हरियाणा राज्य में पराली जलाने की घटना पहले की तुलना में कम देखी गई है। और पंजाब और उत्तर प्रदेश में इस तरह के मामलों में और भी कमी देखी गई है।
खट्टर ने पराली जलाने को लेकर कही यह अहम बातें
खट्टर ने यह भी कहा कि पराली जलाने के मुद्दे पर स्थायी समाधान के प्रयास में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान के अवशेष खरीदने के मामले में विचार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई गयी है।
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पंजाब में 15 सितंबर से 30 अक्टूबर के बीच खेतों में आग लगाने की 13,873 घटनाएं सामने आईं, वहीं हरियाणा में इनके केवल करीब 10 प्रतिशत मामले देखे गये हैं। उन्होंने कहा, ''अगर पंजाब के साथ तुलना करें तो यह 10 प्रतिशत है।
पंजाब में पराली जलाने के मामले हर रोज सामने आए- सीएम
हरियाणा में इस साल पराली जलाने की घटनाएं कम हो गयी हैं। राज्य में पिछले साल ऐसी 2,561 घटनाएं सामने आई थीं, लेकन इस साल इनकी संख्या 1,925 रह गयी जो करीब 25 प्रतिशत की गिरावट है। पंजाब में जबकि 13,873 मामले आये हैं।''
खट्टर ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण भी पंजाब को समय-समय पर पराली जलाने के मुद्दे पर निर्देश दे रहा है। उन्होंने कहा, ''हाल में, मैंने पराली के लिए एमएसपी के बारे में बात की थी। इसके लिए हमने एक समिति बनाई है जो अपनी सिफारिशें देगी। समिति की सिफारिशें आने के बाद हम आगे के कदम उठाएंगे।'' समिति के अध्यक्ष कृषि के लिए राज्य महानिदेशक रहेंगे, वहीं हरियाणा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के महानिदेशक इसके एक सदस्य होंगे।