स्वास्थ्य और जीवनशैली

Artifical Intelligence: TATA कैंसर हॉस्पिटल की नई पहल, AI से बीमारी का लगाया जा सकता है पता

Aastha Paswan

Artifical Intelligence : आने वाले 10 सालों में भारत में कैंसर के मामले दोगुने होने की उम्मीद है, जिसके लिए भारत का सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल (TATA Cancer Hospital) भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण निदान उपकरण के रूप में टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहा है।

Highlights

  • आने वाले 10 सालों में दोगुना हो सकता है कैंसर
  • TATA कैंसर हॉस्पिटल की नई पहल
  • AI की मदद से बीमारी का लगाया जा सकता है पता
  • NIHR की रिपोर्ट आई सामने

भारत के सबसे बड़े कैंसर हॉस्पिटल मुंबई के TATA Cancer Hospital ने एक खास पहल की है। साइंस-फिक्शन की मदद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को यह सिखाने के लिए गहन शिक्षा को तैनात किया जा रहा है, कि कैंसर का शुरुआती निदान कैसे किया जाए। डॉक्टर्स का कहना है, यह पता लगाने वाला उपकरण, पूर्वानुमानित गैर-उत्तरदाताओं के लिए अनावश्यक कीमोथेरेपी से बचने में भी मदद करेगा।

AI के जरिए आसानी से लगाया जा सकता है पता

अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) धीरे-धीरे हमारी जिंदगी के हर पहोलू को प्रभावित कर रहा है. AI की मदद से हमारी लाइफस्टइल में काफी बदलाव हुए हैं। यह जिंदगी के हर क्षेत्र में बड़े बदलाव ला रहा है। ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर रिसर्च (NIHR) के मुताबिक AI की मदद से बीमारियों की स्क्रीनिंग और इलाज दोनों का आसानी से पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा AI के जरिए आप यह भी पता लगा सकते हैं, कि किस हॉस्पिटल में कितने बेड खाली हैं। यह तो सच है कि AI के जरिए ब्रेस्ट स्क्रीनिंग और रेडियोलॉजिस्ट का काम आधा हो गया है।

NIHR की रिपोर्ट के अनुसार

NIHR की रिपोर्ट के मुताबिक AI के जरिए मेडिकल के क्षेत्र में काफी विकास देखने को मिला है। उनका कहना है कि आधुनिक काल में हम AI पर भरोसा कर सकते हैं। आंखों में होने वाली बीमारी से लेकर पेट में बीमारी होने तक का पता हम AI के जरिए लगाया जा सकता है। 2,500 लोगों की आंखों का चेकअप AI के जरिए किया जा सकता है।

AI आधारित स्टेथोस्कोप के जरिए अब घर पर ही प्राइमरी स्टेड पर हार्ट अटैक के लक्षण को पहचान सकते हैं। यह 90 प्रतिशत तक सही बताता है। इसके अलावा रूटीन ब्लड टेस्ट से भी AI एप्लीकेशन से पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति को कब दिल का दौरा पड़ने वाला है। 100 में से एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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