हर एक व्यक्ति सूचानाओं से घिरा रहता है, वे सोचता है कि हमारे सामने वाला व्यक्ति कितना होशियार और समझदार है। वहीं, ज्यादातर लोग दूसरे व्यक्ति को देख सोचने लगते है कि जिसे हम देख रहे हैं वो कई मायनों में हमसे बेहतर है या फिर सामान्य से बाहर है। हालांकि ऐसा नहीं है, ऐसी कई चीज़ें है जिन्हें हम भी फेस करते है और कई लोग भी, इसलिए अब समय आ गया है कि हम अपने कंधों से वह बोझ हटा लें।
हम सोशल एनिमल हैं और इस तरह कम्युनिकेशन हमारे लिए काफी जरूरी है हालाँकि, जब बात आती है कि हम कितने अच्छे से बात कर सकते है तो चीजें यहां थोड़ा बदल जाती है। ये सच है कि हममें से कई लोग ऑफिस में सबके बीच बात कर लेते है लेकिन जब हम अपने परिवार या दोस्तों के बीच बैठते है तो हम वैसे बात नहीं कर पाते क्योंकि उस समय हमारे पास शब्द नहीं होते है। दरअसल, कम्युनिकेशन एक आर्ट है और इसके लिए हमें सही शब्दों का इस्तेमाल करना आना चाहिए और फिर उन्हें सही तरीके से लगाना एक टैलेंट है और हमें से कई लोग संचार के देवता नहीं हैं, तो ये नॉर्मल है।
हममें से ज्यादातर लोग वह चीनी, शराब, नौकरी, या टॉक्सिक रिलेशनशिप को छोड़ने या त्यागने की कोशिश करते हैं लेकिन ये काफी मुश्किल हो जाता है। क्योंकि किसी चीज़ की लत लगना सबसे बुरा है, यहां तक की हम अपने दिमाग को अपने डोपामाइन साइकिल को रीसेट करने के लिए कहते रहते है। बता दें, चीजें इस तरह से काम नहीं करतीं। कभी-कभी आपको चीजों को छोड़ने के लिए बाहरी मदद लेना जरूरी होता है क्योंकि अपने आप ऐसा करना थका देने वाला हो सकता है।
ओवरथिंकिंग आज के समय में आम है। हममें से कई लोग ऐसे है जो सोचते है कि हम लगातार सोच रहे है और बहुत ज्यादा सोच रहे है। यहां तक की चीज़ों पर अपना नजरिया भी नहीं बना पाते है। तो बता दें, आप अकेले नहीं हैं। हमारे आस-पास ऐसे कई लोग है जो काफी सोचते है क्योंकि हमारें दिमाग और चेतना के लिए कोई ऑफ बटन नहीं है। इसलिए जरूरी है कि अपने दिमाग से बाहर निकलने के लिए हम खुद को थोड़ा सा ढील दे दें।
टाइम मैनेजमेंट किसी की भी दिनचर्या में सबसे जरूरी है। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि हम अपना काम सही समय पर नहीं कर पाते हैं या फिर ऑफिस सही टाइम पर नहीं पहुंच पाते है। लेकिन ये हमेशा आलसी या ध्यान भटकना ही नहीं होता है, बल्कि कई बार ट्रैफिक जाम या फिर किसी काम में डूबे रहना भी आपके टाइम को थोड़ा सा बिगाड़ सकता है।
फोटो खिंचवाने का सिलसिला कई सालों से चला आ रहा है, फिर भी कई लोग फोटो के लिए पोज़ सही से नहीं दे पाते है और ये बिल्कुर नार्मल है। हम सभी मॉडल नहीं है, और ये ठीक है अगर हम पनीर कहने पर ही थोड़ा सा मुस्कुरा देते है।
निर्णय लेना आज काफी आसान है क्यों? क्योंकि हमारे पास बहुत अधिक ऑप्शन हैं। कोई यह कह सकता है कि यह एक अच्छी बात है, लेकिन जब निर्णय लेने की बात आती है, तो चीजें इतनी आसान नहीं होती हैं। क्योंकि जब निर्णय लेने की बात आती है, तो हममें से कई लोग गलत निर्णय ले लेते है और ये बिल्कुल सामान्य है। हममें से कुछ चीज़ों पर पछतावा होता है लेकिन ज्यादातर गलतियों को सुधारा जा सकता है।