Overthinking: अगर आप Overthinking के शिकार हैं और हर समय खुद को तनाव में महसूस करते हैं तो आप फोबिया जैसे डिसऑर्डर के शिकार हो सकते हैं। यह आपकी लाइफस्टाइल को प्रभावित कर सकता है।
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आजकल के लाइफस्टाइल में चीजें आसानी से मिल जाए लेकिन अपने साथ कई सारी बीमारी लेकर आती है। लोगों में Overthinking की समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई है, जिसके कारण कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ा है। एक नई स्टडी के मुताबिक चिंता के कारण लोगों के अंदर एंग्जायटी और पार्किंसंस की बीमारी दोगुना बढ़ रही है। आइए जानते है इसकी पूरी डिटेल।
रिसर्चर के मुताबिक पार्किंसंस के कारण डिप्रेशन, नींद में परेशानी, थकान, हाइपोटेंशन, कंपकंपी, अकड़न और शरीर में दर्द के साथ कब्ज की शिकायत होती है।
यूसीएल के महामारी के मुताबिक चिंता को पार्किंसंस बीमारी के शुरुआती लक्षण माने गए हैं। स्टडी के मुताबिक 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग जो काफी ज्यादा चिंता करते हैं उन्हें पार्किंसंस की बीमारी का जोखिम बढ़ता है. इसलिए इसके लक्षण दिखते ही इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए नहीं तो यह खतरनाक रूप ले लेती है। यह 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों के लिए काफी ज्यादा चिंता का विषय है। 878,256 मैचिंग कंट्रोल्स से की गई, जिन्हें चिंता नहीं थी।
पार्किंसंस बीमारी में शरीर के मांसपेशियों में मैसेज भेजने वाले न्यूरॉन्स कमजोर पड़ने लगते हैं। एक समय के बाद यह काफी ज्यादा खतरनाक रूप ले लेते हैं। यह बीमारी मांसपेशियों के कंट्रोल, बैलेंस और एक्टिविटी को काफी ज्यादा हद तक बुरा असर डालता है, जिसके कारण सोचने, समझने की शक्ति एकदम खत्म हो जाती है। आम बोलचाल की भाषा में यह कह सकते हैं कि यह दिमाग पर काफी ज्यादा बुरा असर डालता है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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