स्वास्थ्य और जीवनशैली

इस फूल के फायदेमंद राज़ जान आप भी हो जाएंगे हैरान, आयुर्वेद उपचारों में इसका अहम किरदार

Khushboo Sharma

मध्य प्रदेश के दमोह जिले के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में कनेर के फूलों के पेड़ आसानी से देखे जा सकते हैं। आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है, लेकिन बहुत कम लोग इसके बारे में जानते होंगे। इसकी पत्तियों, फूलों और छाल में अलग-अलग प्रकार के बहुत-से औषधीय गुण मौजूद होते हैं जिनका उपयोग घावों के इलाज और सुखाने के लिए किया जाता है।

आयुर्वेद उपचारों में बेहद फायदेमंद

यह फूल देखने में जितना सुंदर है उतना ही उपचार गुणों से भरपूर है। इसके अलावा यह फूल फोड़े, दांत दर्द और सिरदर्द के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसके पत्तों का लेप शरीर के दाद, खाज, खुजली और सफेद दागों को भी ठीक करता है।

भगवान विष्णु और शिव को पसंद है ये फूल

भगवान विष्णु और शिव जी की इस फूल की पूजा करते हैं, जिससे यह उनके पसंदीदा में से एक बन जाता है। कहा जाता है कि सोमवार के दिन पीले कनेर के फूल से पूजा करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं। हिंदू धर्म में पीले फूल वाले कनेर के पेड़ के बारे में कहा जाता है कि यहां भगवान विष्णु का वास होता है। पीले कनेर के फूलों से भगवान श्रीहरि की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है और परिवार खुशहाल रहता है। घर के शुभ कार्यों में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है।

झुर्रियों और सफेद धब्बों से मिलेगा छुटकारा

आयुर्वेदिक चिकित्सक के अनुसार, कनेर के फूल हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और ये पाचन तंत्र को भी ठीक रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह फूल त्वचा की प्राकृतिक चमक को बनाते हुए झुर्रियों और सफेद धब्बों को मिटाने में सबसे अच्छा साबित होता है।