वैदिक वास्तु वास्तव में हमें एक तय और वैज्ञानिक तरीके से जीवन यापन करने की सलाह देता है। वास्तु के जो भी सिद्धांत हैं वे सभी समय की कसौटी पर परखे गये हैं। कोई भी सिद्धांत एक ही दिन में नहीं बना है बल्कि हमारे पूर्वजों ने समय के साथ अपने अनुभव को इसमें जोड़ा है। इसलिए यदि आप नया घर या कोई भी निर्माण करते हैं तो वास्तु का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि हमें निर्माण तो करना ही है फिर क्यों नहीं उसे वास्तु के अकोर्डिंग किया जाए। उदाहरण के लिए समझें कि आपको किचन बनाना है। यदि आप किचन को अग्नि कोण में बनाएं या फिर ईशान कोण में, दोनों ही स्थितियों में एक जैसा ही खर्च आयेगा। इसलिए नये निर्माण में वास्तु को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।
टॉयलेट, अंडरग्राउंड वाटर टैंक और बेसमेंट कुछ ऐसे निर्माण हैं जो यदि वास्तु के अनुसार नहीं हो तो कुछ ही महीनों में इसके दुष्प्रभाव देखने में आने लगते हैं। जैसे यदि टॉयलेट ईशान कोण में बन जाए तो फिर जय सीया राम। ऐसे व्यक्ति को फेल होने से कोई नहीं रोक सकता है। यदि आप गौर करेंगे तो पायेंगे कि जब ईशान कोण में टॉयलेट हो तो घर का मालिक आत्मघाती फैसले लेता है। बिजनेस में रोज नए उपद्रव होकर बिजनेस बंद हो जाता है। और व्यक्ति कुछ ही महीनों या सालों में पूरी तरह से कर्ज में डूब जाता है। इसके अलावा आमतौर पर मैं देखता हूं जिन घरों में, औद्योगिक क्षेत्र या ऑफिसेज में भी यदि टॉयलेट बिल्कुल वास्तु पुरुष के सिर पर बना हुआ हो, तो निश्चित तौर पर अपनी कब्र आप ही खोदते हैं। ऑफिस और घरों के अलावा कुछ स्कूलों और फैक्ट्रियों में भी मैंने देखा है कि जब कम्पास के आधार पर टॉयलेट जब वास्तु पुरुष के चेहरे पर आ जाता है तो निश्चित रूप से परिसर बंद हो जाता है। बिजनेस में नुकसान होता है। बहुत से इस तरह की समस्याएं भी आती हैं जिनके बारे में सोचा तक नहीं गया हो। आप उन्हें आकस्मिक विपत्ति भी कह सकते हैं। इस दोष के कारण व्यक्ति अपने जीवन में इतने अधिक गलत फैसले लेता है कि सभी मित्रों और परिचितों को भी आश्चर्य होता है, कि यह सब क्या हो रहा है। आपकी छवि मानसिक तौर पर समाज में बहुत उज्ज्वल दिखाई देती है इसके बावजूद आपके फैसले गलत होते हैं। और गलत भी इतने कि आप इन फैसलों को आत्मघाती भी कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। जब टॉयलेट गलत जगह हो तो परिणाम बहुत विध्वंसकारी सिद्ध होते हैं। और घर मालिक धीरे-धीरे कर्ज की स्थिति में जा सकता है या उसके यहां जो संतान है वह विकलांग हो सकती है। लेकिन यह पोजिशन तब बनती है जब कि टॉयलेट ईशान कोण में अर्थात् वास्तुपुरूष के सिर पर बना दिया गया हो।
यहां एक बात मैं स्पष्ट कर दूं कि जहां-जहां मैं टॉयलेट शब्द को लिख रहा हूं, उसका अर्थ लेट्रिन या पखाना से है, बाथरूम से नहीं है। यदि ईशान कोण में बाथरूम बना हुआ हो तो उसका कोई बुरा प्रभाव देखने में नहीं आएगा। यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि यदि ईशान कोण में बाथरूम बना हुआ है तो उसे आप कभी भी यूरिनल के रूप में काम में मत लें।
दूसरी बात यह भी है कि वास्तु पुरुष के सिर पर ही टॉयलेट बना हुआ है, इसका निर्णय आपको हमेशा कम्पास के द्वारा ही करना चाहिए। केवल सूर्य की दिशा को पूर्व मानते हुए कुछ सज्जन टॉयलेट की दिशा तय कर देते हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। कम्पास को आधार मानकर ही सुनिश्चित करें कि यहां बिल्कुल ठीक वास्तु पुरुष का मस्तिष्क है।
जब यह सुनिश्चित हो जाए कि टॉयलेट वास्तु पुरुष के सिर पर ही बना हुआ है, तो हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम उसे हटा दें। लेकिन आज की भौतिक परिस्थितियों में कुछ प्रिय मित्र ऐसा कर सकने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। मेरे पास इस संबंध में बहुत से विचारणीय प्रश्न आते हैं, कुछ सम्मानित सज्जन शंका व्यक्त करते हैं कि जब घर में कंपास के आधार पर टॉयलेट वास्तु पुरुष के सिर पर आ रहा है तो क्या उसका कोई वैकल्पिक उपाय भी है। लेकिन मैं यहां यह स्पष्ट कर दूं कि इस वास्तु दोष के बहुत ज्यादा सटीक वैकल्पिक उपाय नहीं है। जहां तक संभव हो इस टॉयलेट को यहां से हटा दें। यदि आप की ग्रह दशा बहुत अच्छी चल रही है तो आपको इसका असर दिखने में समय लग सकता है। हालांकि इसके बावजूद भी मैं तो आपको यही सलाह दूंगा कि आप उसको हटा दें। क्योंकि जैसे ही आप की दशा चेंज होगी आपको आश्चर्यजनक रूप से उसके नुकसान होने लगेंगे।
मैंने अनुभव किया है कि जब ईशान कोण में बना हुआ टॉयलेट अपने अशुभ फल देना शुरू कर दे तो फिर उसे रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए मैं फिर कहूंगा कि यदि आप की स्थिति ठीक है और आपका टॉयलेट वास्तु पुरुष के सिर पर यानि ईशान कोण में या अग्नि कोण में बना हुआ है तो उसे समय रहते आप परिवर्तित कर लें। यह उस श्रेणी का वास्तु दोष है कि जब इसका दुष्प्रभाव आने लगता है तो फिर आप उसे वहां से हटा पाने में स्वयं को अक्षम अनुभव करेंगे। क्योंकि कोई भी वास्तु दोष जब जड़े जमा लेता है तो उसे हटाना बहुत आसान नहीं होता है। फिर भी मैं कुछ वैकल्पिक उपाय बता रहा हूं जिनको काम में लेने से कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
-टायलेट के दरवाजे पर डोर क्लोजर लगाएं, जिससे दरवाजा स्वतः ही बंद होता रहे।
- टायलेट के दरवाजे पर मोटे कपड़े का परदा रखें।
- समुन्द्री नमक को कपड़े में बांधकर रखें, या कटोरी में रख सकते हैं। महीने में दो-तीन बार नमक को बदलते रहें।
- पीले रंग की ऑयल पेंट की 2 इंच चौड़ी पट्टी टॉयलेट के चारों तरफ खींचें। यदि टॉयलेट के चारों तरफ पट्टी लगा देना संभव नहीं हो तो टॉयलेट के अंदर की तरफ उसको लगाना चाहिए। इस स्थिति में आप स्टील का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। वह परमानेंट उपाय है।
- यदि आप किसी किराये के घर में हैं और इस घर में दूसरी जगह भी टायलेट बना हुआ है तो आप ईशान कोण में बने टॉयलेट का उपयोग नहीं करें। या कोई रूम है जिसमें अटैच टॉयलेट है और वह ईशान कोण में नहीं है तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं और ईशान कोण में बने टायलेट पर ताला लगा कर बंद कर दें। या उसका उपयोग केवल नहाने के लिए ही करें।
Astrologer Satyanarayan Jangid
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