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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज नए भारत का निर्माण हो रहा है : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

Desk Team

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नैनीताल स्थित प्रेमा जगाती सरस्वती विहार विद्यालय के वार्षिकोत्सव में प्रतिभाग किया।उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में शिक्षा ग्रहण करने का अर्थ केवल किताबी ज्ञान अर्जित करने तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें हम स्वयं की और अपने अस्तित्व की खोज करते हैं।

स्वयं के अस्तित्व की खोजकर अपने जीवन को सफल बनाएं-CM धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विद्यार्थियों से कहा कि किताबी ज्ञान तक सीमित ना रहें। स्वयं के अस्तित्व की खोजकर अपने जीवन को सफल बनाएं। बचपन के संस्कार सम्पूर्ण जीवन में काम आते हैं, इसलिए हमें बच्चों को बचपन से ही संस्कारवान शिक्षा प्रदान कर भविष्य के निर्माण के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन का लक्ष्य तय करते हुए पूर्ण मनोयोग, ईमानदारी, कर्तव्य निष्ठा से कार्य करने को कहा।

प्रत्येक मनुष्य में अनंत ऊर्जा का भंडार है-CM धामी
मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि प्रत्येक मनुष्य में अनंत ऊर्जा का भंडार है, उसे सिर्फ जानने और दिशा देने की जरूरत है। जीवन में कभी कोई परेशानी आती है तो सकारात्मक सोच के साथ समस्या का समाधान करें। यह शिक्षा का कालखंड दोबारा आपके जीवन में नहीं आयेगा, समय बहुमूल्य है, इसकी महत्ता को समझना होगा, एक-एक पल जीवन के लिए उपयोगी है, अगर हम समय को समझ लेते हैं तो अपने जीवन के साथ ही देश और प्रदेश का नाम रोशन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, गुरुकुलों की भूमि है, यहां ऐसे ऋषि- मुनि हुए, जिन्होंने सनातन ग्रंथों की रचना की। वीरभट्टी की इस महान धरती पर पढ़ने वाले आप सभी विद्यार्थी भी ऋषि संतानें हैं और अवश्य ही आप लोग अपना, अपने परिवार का और अपने प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। हमारे छात्र देश का भविष्य हैं। देश और प्रदेश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज नए भारत का निर्माण हो रहा है, जिसके अंतर्गत देश में अभूतपूर्व रूप से नित्य नए कार्य किए जा रहे हैं। नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे। स्कूली स्तर पर 'कौशल विकास' से युवा कुशलता के साथ कार्य करने में सक्षम होंगे। इससे शोध और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। देश को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को पूर्ण करने में नई शिक्षा नीति अवश्य ही कारगर साबित होगी।