29 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा 52 दिनों तक चलेगी। जिसको लेकर श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे है। तीर्थयात्री अनंतनाग में 48 किलोमीटर के नुनवान-पहलगाम मार्ग या गंदेरबल में 14 किलोमीटर के बालटाल मार्ग से एक खतरनाक यात्रा पर निकलेंगे, जिसका पहला जत्था 28 जून को जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से रवाना होगा। सुरक्षा एजेंसियों की सर्वोच्च प्राथमिकता चुनौतीपूर्ण इलाके से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करना है।
Highlights
सरकार के अनुसार, अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में स्थिति में काफी सुधार हुआ है। आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है और बड़ी संख्या में पर्यटक केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में आ रहे हैं। 2022 में 3.04 लाख तीर्थयात्रियों ने पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन किए, जो 2023 में बढ़कर 4.5 लाख हो गए. इस साल तीर्थयात्रियों की संख्या 5 लाख को पार करने की उम्मीद है, जो इस क्षेत्र में पर्यटन को महत्वपूर्ण बढ़ावा देने का संकेत है।
सुरक्षा को लेकर हुई अहम बैठक
इसी के मद्देनजर, पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर जोन वी.के. बिरदी ने सोमवार को व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बैठक में डीआईजी सेंट्रल कश्मीर रेंज, डीआईजी नॉर्थ कश्मीर रेंज, डीआईजी साउथ कश्मीर रेंज, कश्मीर जोन के सभी जिला एसएसपी, एसएसपी ट्रैफिक सिटी, एसएसपी ट्रैफिक रूरल, एसएसपी सिक्योरिटी, एसएसपी एपीसीआर, एसपी टेलीकम्युनिकेशन शामिल हुए। शुरुआत में, भाग लेने वाले अधिकारियों ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से आईजीपी कश्मीर को सुरक्षा योजना की जानकारी दी, जिसमें उनके संबंधित जिलों की विशिष्ट आवश्यकताएं और अमरनाथ यात्रा-2024 के सुचारू संचालन के लिए किए गए सुरक्षा इंतजाम शामिल थे।
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