Anti Paper Leak Law: परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच पेपर लीक को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोक परीक्षा कानून 2024 लागू कर दिया है। इस साल फरवरी में यह कानून पारित हुआ था। कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस कानून के लागू होने के बाद अब पेपर लीक करने के दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की कैद से लेकर 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 21 जून 2024 को पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 के प्रावधान लागू कर दिए हैं। इस कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगभग चार महीने पहले अधिनियम को मंजूरी दी थी, जिसके बाद कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि कानून के प्रावधान लागू हो गए हैं। इस कानून को लाने के पीछे मकसद है कि जितने भी बड़े सार्वजनिक एग्जाम हो रहे हैं, उनमें ज्यादा पारदर्शिता रहे। साथ ही युवा आश्वस्त रहें कि कोई गड़बड़ी नहीं होने पाएगी।
क्या होता है पब्लिक एग्जाम ?
यह एंटी-पेपर लीक लॉ पब्लिक एग्जाम की बात करता है। यह वो परीक्षा है, जिसे पब्लिक एग्जामिनेशन अथॉरिटी आयोजित करवाती है, या फिर ऐसी अथॉरिटी जिसे केंद्र से मान्यता मिली हुई है। इसमें कई बड़ी परीक्षाएं शाामिल हैं, जैसे यूपीएससी, एसएससी, इंडियन रेलवेज, बैंकिंग रिक्रूटमेंट, और एनटीए द्वारा आयोजित आयोजित सारे कंप्यूटर-बेस्ट एग्जाम।
10 साल की जेल की सजा
इस कानून के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। सार्वजनिक परीक्षा में नकल की रोकथाम के लिए दोषियों को 3 साल की सजा होगी । वहीं सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
क्या-क्या आता है कानून के दायरे में
इस कानून के तहत क्वेश्चन पेपर या आंसर का लीक होना जो किसी भी तरह से परीक्षार्थी की मदद कर सके, अपराध है। इसके अलावा कंप्यूटर नेटवर्क के साथ छेड़खानी भी जुर्म है। ऐसा अपराध चाहे एक ग्रुप करे, या फिर एक व्यक्ति या संस्था, इसे क्राइम की श्रेणी में ही रखा जाएगा। पैसों के फायदे के लिए फेक वेबसाइट बनाना या फिर फेक एग्जाम कंडक्ट कराना भी इस लॉ में आता है। कई बार अपराधी सीधे पेपर लीक नहीं करते, बल्कि दूसरी तरह की हेराफेरी करते हैं, जिससे उनके परीक्षार्थी को फायदा हो। ये भी एंटी लीक में शामिल है।
इन परीक्षाओं में पेपर लीक होने पर होगी सजा
कानून लागू होने के बाद यूपीएससी, एसएससी, रेलवे द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाएं, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं इसके दायरे में होंगी।
5 साल, 15 राज्य और 41 भर्ती परीक्षाओं में धांधली
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू जम्मू कश्मीर … ये देश के वो 15 राज्य हैं जहां पिछले 5 साल में 41 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए। यानी परीक्षा में पेपरलीक की महामारी देशभर में फैली हुई है। सभी बड़े राज्यों के करोड़ों छात्र इससे पीड़ित हैं. NEET की परीक्षा में गड़बड़ी के बाद हो रहे इस विरोध ने तो बस इस आक्रोश को आवाज दी है।