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अयोध्या के SP मधुबन सिंह ने दीपोत्सव के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डाला: जानिये सुरक्षा स्तिथि के बारे में

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दीपोत्सव के अवसर पर पुलिस अधीक्षक मधुबन सिंह ने बुधवार को शहर में सुरक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डाला: आगे विस्तार में पढ़िए।

Aastha Paswan

जानिए SP मधुबन सिंह ने सुरक्षा के बारे में क्या कहा ?

अयोध्या में दीपोत्सव के अवसर पर शहर में उत्साह का माहौल है, SP मधुबन सिंह ने बुधवार को शहर में कड़ी सुरक्षा के बारे में बताया और कहा की अयोध्या को 14 जोन और 40 सेक्टर में बांटा गया है। उन्होंने ANI से कहा, "भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद यह पहला दीपोत्सव है और इसमें बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है।"

उन्होंने आगे कहा, "सुरक्षा व्यवस्था के लिए हर जगह पुलिस तैनात की गई है, यातायात डायवर्जन की भी व्यवस्था की गई है।" इसके अलावा, आयोध्या शहर सरयू नदी के तट पर 25 लाख दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने जा रहा है, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है और एकता की भावना को बढ़ावा देता है।

जानिये आम लोगों की राय

शहर के चारों ओर की खूबसूरत सजावट को देखकर सब लोग आश्चर्यचकित रह गए है । एक श्रद्धालु ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, "इसे खूबसूरती से सजाया गया है और पूरे अयोध्या में बेहतरीन व्यवस्था की गई है।" इस साल के दीपोत्सव में भगवान राम के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाती 18 जीवंत झांकियां शामिल हैं, जिन्हें सूचना विभाग और पर्यटन विभाग दोनों ने तैयार किया है। इसके अलावा, अयोध्या के नगर आयुक्त ने इस साल के समारोहों के पैमाने पर जोर देते हुए कहा, "हम 18 झांकियां तैयार कर रहे हैं... सभी झांकियां बायो डिग्रेडेबल सामग्री से बनाई जा रही हैं।"

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक आयोध्या के बारे में क्या कहा ?

यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी खुशी जाहिर की और कहा कि दुनिया इस दिव्य घटना की गवाह बनने जा रही है। उन्होंने आगे राज्य के सभी लोगों को इस पर शुभकामनाएं दीं। पाठक ने कहा, "इस बार अयोध्या में भगवान रामलला की उनके उचित स्थान पर प्राण प्रतिष्ठा की गई है, जिससे दिवाली का जश्न अद्भुत रंगों में बिखरने वाला है। दुनिया इस आयोजन की गवाह बनने जा रही है। इस बार 25 लाख से अधिक दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। मैं पूरे राज्य के लोगों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।" दीपोत्सव, पांच दिवसीय उत्सव है जो भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की याद में मनाया जाता है। यह आयोजन अयोध्या के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है, जो लाखों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।