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गृह मंत्रालय की तरफ से मैतेई समुदाय के कई संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध

Desk Team

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने मैतेई समुदाय के 9 संगठनों को चरमपंथी संगठन घोषित किया है। साथ ही संगठनों पर कुछ सालों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। गृह मंत्रालय ने आज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए) को चरमपंथी संगठन घोषित किया है। इन संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।

किन-किन संगठनों पर लगा प्रतिबंध?
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी
रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट
यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट
मणिपुर पीपुल्स आर्मी
पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक
रेड आर्मी, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी
कांगलेई याओल कनबा लुप
समन्वय समिति
एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेईपाक

13 नवंबर तक मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध
अभी कुछ दिनों पहले मणिपुर की सरकार ने मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध को बढ़ाने का एलान किया था। राज्य सरकार ने मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध को आज यानी 13 नवंबर तक के लिए बढ़ाया है। अधिकारियों ने बताया था कि प्रतिबंध उन चार पहाड़ी जिला मुख्यालयों में लागू नहीं किया जाएगा, जो जातीय संघर्ष से प्रभावित नहीं हैं।

क्यों बढ़ाया गया प्रतिबंध?
सरकार का मानना है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाओं को भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे वीडियो प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। वायरल तस्वीरों और वीडियो से कानून व्यवस्था पर गंभीर असर हो सकता है। सितंबर में कुछ दिनों को छोड़कर मणिपुर में तीन मई से जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा हुआ है