देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Ban On SIMI: गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सोमवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर 'गैरकानूनी संघ' के रूप में प्रतिबंध को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना के माध्यम से घोषणा करते हुए बताया कि उसने यूएपीए के प्रावधानों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कार्रवाई की है।
2001 में SIMI को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया
अधिसूचना के अनुसार, सिमी को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) 1967 की धारा 3(1) के तहत पांच साल की अतिरिक्त अवधि के लिए गैरकानूनी संघ के रूप में प्रतिबंधित किया गया था। मंत्रालय ने 27 सितंबर, 2001 को सिमी को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया था और बाद में 26 सितंबर, 2003, 8 फरवरी, 2006, 7 फरवरी, 2008, 5 फरवरी, 2010, 3 फरवरी, 2012 को प्रतिबंध बढ़ाता रहा। 1 फरवरी 2014 और 31 जनवरी 2019।
संगठन शांति और साप्रदायिक बिगाड़ने पर लगा हुआ
ताज़ा कार्रवाई इस बात पर विचार करते हुए की गई कि सिमी 'आतंकवाद को बढ़ावा देने, देश में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में लगा हुआ है जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है।' सिमी और उसके सदस्यों के खिलाफ UAPA समेत कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की 'जीरो टॉलरेंस' नीति का हिस्सा है।
'जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए'
आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI)' को यूएपीए के तहत पांच साल की अगली अवधि के लिए 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया है। सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है।"