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Bhojshala Survey: ASI के सर्वे के 12वें दिन हिंदू पक्ष ने शुरू की पूजा

Desk Team

मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला में दिल्ली और भोपाल एएसआई की टीम के सर्वे का आज यानी मंगलवार को 12वां दिन है। इस मौके पर एएसआई की टीम सुबह 7.45 बजे मौके पर पहुंची। एएसआई टीम की सर्वे में सहायता करने के लिए 34 मजदूर भी भोजशाला के अंदर दाखिल हुए।

  • धार में भोजशाला परिसर में 12वें दिन भी सर्वेक्षण जारी रखा
  • एएसआई की टीम सुबह 7.45 बजे मौके पर पहुंची
  • 34 मजदूर भी भोजशाला के अंदर दाखिल हुए

श्रद्धालुओं ने परिसर में पूजा-अर्चना की

हिंदू श्रद्धालुओं ने व्यवस्था के अनुसार परिसर में पूजा-अर्चना की।एक भक्त शिव कुमार भार्गव ने कहा, "हम यहां दर्शन के लिए आए थे। मैं यहां कई बार आया हूं। यह परिसर हमारे लिए बहुत महत्व रखता है।"2003 में एक व्यवस्था के अनुसार, हिंदू मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक परिसर में पूजा करते हैं जबकि मुस्लिम शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक नमाज अदा करते हैं। हिंदुओं के लिए, भोजशाला परिसर देवी वाग्देवी (सरस्वती) को समर्पित एक मंदिर है, जबकि मुसलमानों के लिए, यह कमल मौला मस्जिद का स्थान है।

खुदाई के नतीजे पर कोई आगे कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 11 मार्च के मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को धार जिले में भोजशाला मंदिर सह कमल मौला मस्जिद परिसर का छह सप्ताह के भीतर सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था।न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि परिसर के चरित्र को बदलने वाली कोई भी भौतिक खुदाई नहीं की जानी चाहिए। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मस्जिद की अपील पर नोटिस जारी करते हुए पीठ ने यह भी कहा कि उसकी अनुमति के बिना खुदाई के नतीजे पर कोई आगे कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

क्या है विवाद?

दरअसल, भोजशाल को हिंदू और मुस्लिम समाज में विवाद चल रहा है। हिंदू समाज का दावा है कि भोजशाला सरस्वती देवी का मंदिर है। दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद होने का दावा कर रहा है। दोनों पक्षों के विवाद को देखते हुए यहां पर साल 2003 में हिंदू पक्ष को भोजशाला में हर मंगलवार को सुबह से शाम प्रार्थना करने की इजाजत दी गई। इसी तरह मुस्लिम पक्ष को हर शुक्रवार यहां पर नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई।

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