छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने महादेव ऐप मामले में उनके खिलाफ आरोपों पर संज्ञान क्यों नहीं लिया क्योंकि राज्य में चुनाव चल रहे हैं। जब चुनाव आयोग की बैठक हुई तो उसमें ईडी, आईटी मौजूद थे। चुनाव आयोग ने इस पर संज्ञान क्यों नहीं लिया? मीडिया इतने गंभीर आरोप की रिपोर्ट कर रहा है। इसलिए चुनाव आयोग इस पर संज्ञान लेना चाहिए था।
बघेल ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, प्रवर्तन निदेशालय ने पहले एक कूरियर के आरोप के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का नाम लिया था कि महादेव ऐप के प्रमोटरों से बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए गए थे। इस आरोप ने भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ में चल रहे चुनाव अभियानों के दौरान बघेल पर हमला करने का मौका दे दिया है।
बघेल ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव से पहले उनकी छवि खराब करने के लिए चुनाव आयोग को शिकायत भेजेगी। हमारी ओर से शिकायत भेजी जाएगी। किसी की छवि खराब करने के लिए जांच की जानी चाहिए। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों में स्पष्ट निर्देश हैं कि इस तरह की जांच के निष्कर्षों का उपयोग किसी भी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाना चाहिए। इसका खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। चुनाव आयोग को इस पर गौर करना चाहिए।